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कोठा पक्की मुठभेड़ से पुलिस और खुफिया एजेंसियों पर कई सवाल खड़े

गैंगस्टर कई दिन से छिपे थे, पुलिस को भनक तक नहीं लगी

श्रीगंगानगर। पंजाब की नाभा जेल से फरार कुख्यात गैंगस्टर विक्कीग गोंडर कई दिनों से श्रीगंगानगर जिले के भारत-पाक सीमा पर बसे हिंदुमलकोट क्षेत्र में छिपा हुआ था। कल रात को पंजाब पुलिस ने विक्की और उसके दो साथियों को मुठभेड़ में ढेर नहीं कर दिया, उससे पहले जिला पुलिस और खुफिया एजेंंसियों को इतने कुख्यात अपराधियों के यहां छिपे होने के बारे में भनक तक नहीं पड़ी। इससे जिले में पुलिस और खुफिया एजेंसियों की कार्य कुशलता पर सवाल खड़े हो गए हैं।



2016 को पंजाब की नाभा जेल से भागने के बाद गैंगस्टरों और उनके मददगारों के श्रीगंगानगर जिले में छिपने की बात उसी समय सामने आ गई थी। विक्की गोंडर के साथ जेल से भागे गैंगस्टर गुरूप्रीत सिंह सेखो के दो दोस्तों को पंजाब पुलिस ने घटना के कुछ समय बाद ही श्रीगंगानगर पुलिस की सहायता से हिरासत में लिया है।



पंजाब पुलिस को नवम्बर 2016 में खबर लगी थी कि जेल से फरार गुरूप्रीत सिंह सेखो श्रीगंगानगर जिले मेंं छिपा हुआ है लेकिन जब पुलिस यहां कार्रवाई करने पहुंची तो गुरूप्रीत सेखो की बजाय उसके दो साथी गुरूप्रीत सिंह बरार और अंग्रेज सिंह मिले। जिन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया।



नाभा जेल से भागे दो कैदी पंजाब के ही अंग्रेज सिंह के साथ उसी समय श्रीगंगानगर आ गए थे और यहां ट्रेक्टर खरीदने के बहाने अलग-अलग गांवों में घूम रहे थे।
नाभा जेल से भागे गए दो कैदी श्रीगंगानगर के घमूड़वाली थाने इलाके में पकड़े गए। दो अन्य लोग भी पकड़े गए हैं, जो इन्हें श्रीगंगानगर ले कर आए थे। उसी समय जाहिर हो गया था कि गैंगस्टरों को छिपने के लिहाज से श्रीगंगानगर जिला काफी सुरक्षित महसूस हो रहा है लेकिन पुलिस ने इस मामले में सतर्कता नहीं बरती। हैरत की बात है कि भारत-पाक सीमा पर स्थित गांवों में कोई अजनबी के आते ही खुफिया एजेंसियों को भनक मिल जाती है लेकिन इतने कुख्यात अपराधियों के आने के बारे में उन्हें भनक नहीं लगी। यह बेहद गंभीर घटना है।

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