श्रीगंगानगर। कुख्यात अपराधी किसी को गोली मारते हुए जरा भी नहीं हिचकता था। इतना ही नहीं, वह अपने दुश्मन को गोली मारने के बाद उसकी लाश पर भंगड़ा भी करता था। विक्की जनवरी 2015 में फगवाड़ा के गैंगस्टर के सुक्खा काहलवां के मर्डर के बाद सुर्खियों में आया था।
विक्की पढ़ाई के दौरान सुखां काहलवां का दोस्त था। बाद में वह सुखा की गैंग में शामिल हो गया। इसके बाद यह दोस्ती दुश्मनी में बदल गई। एक दिन शार्प शूटर विक्की ने पुलिस की वैन में ले जाए जा रहे सुखा की गोली मार कर हत्या कर दी और उसकी लाश पर भंगड़ा किया। विक्की ने सुक्खा पर 60 गोलियां बरसाई।
उसे इस मामले में गिरफ्तार कर नाभा जेल भेजा गया। 2016 में वह नाभा जेल से फरार हो गया था और अब तक पुलिस की पहुंच से बाहर था। नाभा जेल विक्की गोंडर के साथ पांच अन्य कैदी भी भागे थे। इनमें से एक जहां खालिस्तानी लिब्रेशन फोर्स का सरगना बताया जा रहा था।
11 मई 2016 को फाजिल्का के गैंगस्टर जसविन्द्र उर्फ रॉकी की हिमाचल के परवाणु में हत्या कर दी गई। इसके पीछे भी विक्की का हाथ माना गया क्योंकि विक्की ने रॉकी के मर्डर को अपने साथी शेरा खुब्बण के मर्डर का बदला गया था।
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