Advertisement

Advertisement

बीकानेर:-पांच वर्षीय सेमेस्टर स्कीम कागजों में दफन,तो यह है असली वजह.....

Demo Photo

रिपोर्ट एक्सक्लूसिव,बीकानेर(जयनारायण बिस्सा)। एलएलबी कोर्स में पांच वर्षीय सेमेस्टर स्कीम  कागजों में दफन है। बार कौंसिल ऑफ इंडिया के आदेश पर कई प्रदेश पांच  वर्षीय सेमेस्टर स्कीम लागू कर चुके हैं। राजस्थान में तीन वर्षीय एलएलबी  कोर्स चल रहा है। वहीं एलएलएम को भी एक वर्षीय कोर्स नहीं बनाया जा  सका है।

एलएलबी कोर्स को बेहतर बनाने, समयानुकूल नई अवधारणाओं को समावेश  करने के लिए बार कौंसिल ने एलएलबी कोर्स में पांच वर्षीय सेमेस्टर पद्धति  लागू करने के निर्देश दिए थे। सभी संस्थाओं और प्रदेशों को 2017 तक का  समय दिया गया। लेकिन राजस्थान में एलएलबी में पांच वर्षीय सेमेस्टर स्कीम  की शुरुआत नहीं हुई है।

तीन साल का ही कोर्स
प्रदेश में 15 लॉ कॉलेज हैं। इनमें तीन साल का ही एलएलबी कोर्स संचालित  है। इसमें भी वार्षिक पेपर स्कीम लागू है। एलएलबी को पांच वर्षीय सेमेस्टर में  बांटने और नया पाठ्यक्रम बनाने की पहल नहीं हुई है। उधर महाराष्ट्र,  तमिलनाडु, कर्नाटक, पंजाब जैसे कई राज्यों के कॉलेज और विश्वविद्यालयों में  यह स्कीम लागू हो चुकी है।

एलएलएम भी नहीं एक वर्षीय
बार कौंसिल ऑफ इंडिया और मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने साल  2014-15 में एलएलएम को एक वर्षीय पाठ्यक्रम बनाने के निर्देश दिए थे।  पूरे देश में केंद्रीय विश्वविद्यालयों, राज्य स्तरीय विश्वविद्यालयों, कॉलेज में यह  लागू होना था। केंद्रीय विश्वविद्यालयों, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी और कुछ राज्यों  में इसे अपना लिया गया। प्रदेश में किसी विश्वविद्यालय अथवा कॉलेज में एक  वर्षीय एलएलएम कोर्स प्रारंभ नहीं हुआ है।

तो यह है असली वजह.....
पांच वर्षीय सेमेस्टर कोर्स लागू करने को लेकर सरकार दबाव में है। शिक्षकों,  युवाओं द्वारा विरोध करने के चलते उच्च शिक्षा विभाग कदम नहीं बढ़ा रहा।  ऐसा तब है जबकि मोदी सरकार पूरे देश में विश्वविद्यालयों-कॉलेजों में समान  पाठ्यक्रम लागू करने पर जोर दे रही है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Advertisement

Advertisement