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राजस्थान:-प्रदेश में नहीं रहेगी राजस्थान प्रशासनिक सेवा केडर के अधिकारियों की कमी

File Photo 

राजस्थान सरकार भेज सकती है जल्द केंद्र को प्रस्ताव
एसडीएम को मिल सकेंगे एक-एक होमगार्ड
नगरपालिका-नगरपरिषद के कई अहम काम हो सकते है एसडीएम के हवाले
हनुमानगढ़।(कुलदीप शर्माप्रदेश पिछले काफी समय से भारतीय प्रशासनिक सेवा केडर अधिकारियों की कमी से झुझता आ रहा है। जिसके चलते अब सरकार को भी इसकी चिंता सताने लगी है। इन सेवाओं में सुधार व बढ़ोतरी करने के उद्देश्य से जल्द ही राजस्थान सरकार बड़ा कदम उठाने पर विचार कर रही है। माना जा रहा है कि प्रदेश में भारतीय प्रशासनिक सेवा केडर के अधिकारियों की कमी को देखते हुए राज्य सरकार केडर की समीक्षा के लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव बनाकर भेजने की तैयारी करने में जुट चुकी है। ऐसा प्रस्ताव इसलिए भी भेजना जरूरी माना जा रहा कि अन्य राज्यो की तुलना में राजस्थान में इन केडर अधिकारियों की कमी है। जिसके चलते अब सरकार केंद्र से मदद मांग सकती है।

प्रसासनिक सेवा सम्बंधित लम्बित बिंदुओं पर पहली बार हुई चर्चा
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प्रदेश में पहली बार राजस्थान प्रशासनिक सेवा सम्बन्धित लम्बित बिन्दुओं पर राजस्थान प्रशासनिक सेवा परिषद् के अध्यक्ष पवन अरोड़ा की पहल पर राज्य सरकार द्वारा बैठक का आयोजन किया गया। जानकारों की माने तो इसमें विचार-विमर्श करके कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए है। बैठक में राजस्थान प्रशासनिक सेवा परिषद् के पदाधिकारी भी उपस्थित थे।  बताया जा रहा है कि प्रदेश में भारतीय प्रशासनिक सेवा केडर के अधिकारियों की कमी को देखते हुए राज्य सरकार केडर की समीक्षा के लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव बनाकर भेजेगी। वर्तमान में समान भौगोलिक क्षेत्र वाले अन्य राज्यों में राजस्थान से अधिक भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी है। इनके बढ़ोत्तरी होने से विकास कार्यो को गति मिलेगी एवं आमजन को राहत प्राप्त हो सकेगी। 

अब इन नए मुद्दों पर बनी सहमति
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राज्य सरकार द्वारा आयोजित की गई बैठक में भारतीय प्रशासनिक सेवा केडर के अधिकारियों से सम्बंधित लम्बित बिंदुओं पर चर्चा करते हुए कई अहम निर्णय लिए गए। माना जा रहा है कि ये निर्णय भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारियों के लिए अहम रहेंगे।  राजस्थान प्रशासनिक सेवाओं की सुपर टाईम वेतन श्रृंखला में कोई पद रिक्त नहीं रहे। इसे देखते हुए सुपर टाईम वेतन श्रृंखला में पदोन्नति के लिए निर्धारित 18 वर्ष के अनुभव की बाध्यता में शिथिलता देने पर सहमति व्यक्त की गई। इसी प्रकार जूनीयर स्केल से सीनीयर स्केल पदोन्नति के लिए अनुभव की छूट में 45 प्रतिशत पद रिक्त होने की अनिवार्यता को समाप्त करने पर भी सहमति व्यक्त की गई है। राजस्थान प्रशासनिक सेवा की हायर सुपरटाईम स्केल की ग्रेड-पे 9500 से बढ़ाकर 10000 की जाने पर भी सहमति व्यक्त की गई। जानकारी के अनुसार उक्त प्रकरण वित्त विभाग एवं कार्मिक विभाग की सहमति से वर्तमान में मुख्यमंत्री कार्यालय में विचाराधीन है। जानकारों की माने तो इस प्रस्ताव पर स्वीकृती प्राप्त होने पर आगे की कार्यवाही की जायेगी। 

कानून व्यवस्था होगी सुदृढ़,एसडीएम को मिलेंगे होमगार्ड जवान,नगरपालिका व नगरपरिषद के कई अहम काम मिल सकते है एसडीएम को!
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आमजन को शीघ्र राहत पहुंचाने एवं काूनन व्यवस्था को सुदृढ़ बनाये रखने के लिए प्रदेश के सभी उपखण्ड कार्यालयों को सशक्त बनाया जायेगा तथा वहॉ पर रिक्त सभी पदों को शीघ्र ही भरा जायेगा। उपखण्ड कार्यालयों में स्टेनों की उपलब्धता होने तक एक मैन विद मिशन (कम्यूटर विद ऑपरेटर) रखने की स्वीकृती प्रदान की गई। इसी प्रकार कानून व्यवस्था एवं विशेष अभियानों के दौरान उपखण्ड अधिकारियों को सुरक्षा के लिए गनमैन व कांस्टेबल उपलब्ध नहीं होते है। ऎसे में विशेष अभियान व कानून व्यवस्था के प्रकरणों के दौरान उपखण्ड अधिकारियों को सम्बन्धित थाना पर्याप्त जाप्ता एंव कांस्टेबल उपलब्ध करवायेंगे तथा सभी उपखण्ड कार्यालयों में उपखण्ड अधिकारियों को एक-एक होमगार्ड पुलिस महानिदेशक (होमगार्ड) के माध्यम से उपलब्ध करवाया जायेगा। यह होमगार्ड चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रिक्त पद के विरूद्ध लगाया जा सकेगा।जिले में होने वाले विभिन्न कार्यो के निस्तारण एवं कर्मचारियों की कार्यक्षमता निर्धारण के लिए उपखण्ड अधिकारी जिलें में नियुक्ति अन्य विभागों के अधिकारियों के कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन (एसीआर) में टिप्पणी अनिवार्य रूप से कर सकेंगे। बैठक में शहरी क्षेत्रों में नगर पालिका नगर परिषदों में भू-परिवर्तन अधिकारी माईनर एक्ट के अधिकार एसीएम एवं एसडीएम को दिये जाने पर चर्चा की गई। इन सभी के आ जाने तो काफी सुधार होने की उम्मीद है।

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