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वर्ल्ड। हमेशा भारत विरोध में बोलने वाले चीनी मीडिया के सुर बदले-बदले से नजर आ रहे हैं। अपने मिजाज को नर्म करते हुए उसने कुछ मामलों में भारत की तारीफ की है। उसने कहा है कि भारत कुछ मामलों में चीन से बेहतर है। यह सही है कि भारत मिलिट्री और अर्थव्यवस्था में चीन की बराबरी में नहीं है। लेकिन योग के माध्यम से भारत दुनिया में अपनी संस्कृति फैला रहा है।
भारत की संस्कृति को बाहर विस्तार देने में हिंन्दी फिल्म इंडस्ट्री का भी खासा योगदान है। चीन में तो हिंन्दी फिल्मों की धाक जमती चली जा रही है। हमें भारत से सीख लेनी चाहिए। भारत अपने सॉफ्ट पॉवर को दुनिया में ज्यादा तेजी से बढ़ा रहा है, जबकि चीन सरकार की ओर दुनिया में चलाए जा रहे कार्यक्रम ज्यादा स्वीकार नहीं किए जा रहे। ये बातें शंघाई इंस्टीट्यूट्स फॉर इंटरनेशनल स्टडीज के डायरेक्टर झाओ गनचेंग ने चीन के सरकारी अखबार में एक लेख में लिखी हैं।
उन्होंने लिखा है, भारत जिस तरह से अपनी चीजों को दूसरों के सामने रख रहा है, उससे ज्यादा लोग स्वीकार कर रहे हैं। योग को चीन में भी तेजी से अपना रहे हैं, क्योंकि भारत इसे गैर-धार्मिक गतिविधि के रूप में बढ़ावा दे रहा है। लेख में कहा गया है कि योग और हिन्दी फिल्मों से भारतीय संस्कृति जिस तेजी से बढ़ रही है,
वह हैरान करने वाला है। हमारे तमाम शहरों में कुकुरमुत्तों की तरह योग सेंटर खुल चुके हैं। यहां के स्कूलों में भी योग शुरू हो गया है। पिछले दो सालों में ही योग चीन में काफी तेजी से अपनी पैठ बना चुका है।
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