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किताबों के बोझ तले दबा अभिभावक


रिपोर्ट एक्सक्लूसिव,गोलूवाला – गुरु गोविन्द दौउ खड़े काके लागु पांव ,बलिहारी गुरु आपने गोविन्द दियो बताय, कबीर के इस दोहे के अनुसार गुरु का स्थान समाज में भगवान के समान या भगवान से ऊपर भी कहें तो शायद अतिश्योक्ति नही होगी 

एक वक्त था जब ये दोहा  शिक्षा जगत में शाश्वत्त प्रतीत होता था क्योंकि उस वक्त शिक्षा का उदेश्य समाज के सर्वांगींण  विकास को धयान में रखकर विद्यार्थी के मौलिक गुणों का विकास करना था लेकिन वर्तमान में यह केवल धनोपार्जन से अधिक  कुछ भी प्रतीत  नही होता |

वर्तमान में शिक्षा केवल धन इकट्ठे करने का  जरिया मात्र ही रह गयी  है | इस पंक्ति को साकार रूप दे रही है आज के अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की मनमर्जी की फीस ,फीस तक तो फिर भी काम चल रहा था लेकीन आज के संस्था मालिक केवल मोटी फीस से ही सबर नही कर  रहे | उनकी भूख इस कदर बढ़ गयी है कि वे अब विधार्थियों की किताबों ,स्कूल ड्रेस तक में कमीशन बटोरने में लगे हुए है |

जानकारी के अनुसार उपतहसील खेत्र में कुछे एक निजी स्कूलों कि मनमानी आमजन पर भारी पड़  रही है एक तरफ किसान दिन भर दिन भर गर्मी हो या सर्दी खेत में खून पसीना बहाकर अपनी आमदनी का कुछ हिस्सा अपने बच्चो को पढाई पर खर्च करता है वहीँ  ये निजी स्कूल संचालक सरकारी नियमों को ताक पर रखकर आमजन कि कमाई में ओर अधिक सेंध लगाकर मोती कमाई करने में जुटे हुए है |

उदाहरणार्थ :  -
क्षेत्र में अंग्रेजी माध्यम स्कूलों ने अपने अपने स्कूल की किताबे स्वयं ही निर्धारित कर किसी एक दूकान वाले से सांठ गांठ कर रखी है | उस स्कूल  की किताबे केवल उसी एक दूकान पर उपलब्ध है जहाँ इन किताबो पर बेतहाशा लुट हो रही है और आम आदमी कि जेब पर केंची चलाई जा रही है 
ये संस्था प्रधान इन किताबों को अपने स्तर पर कंपनी से छपवाते है यहाँ तक कि किताबो का मूल्य भी यही निर्धरित्त करते है जिनका मूल्य सैकड़ो रुपयों में निर्धारित होता है जिससे आमजन अत्यधिक प्रताड़ित है |  वह चाहकर भी अपने बच्चो को अच्छी शिक्षा नही दिलवा सकता |    
इनका ये कहना है |

1.प्रभु धत्तरवाल ( अध्यक्ष निजी शिक्षण संघ –गोलूवाला ) –मुझे भी इस प्रकार कि शिकायते मिल रह है ये तरीका गलत है |इस विषय में मैं जल्द ही मीटिंग करूंगा और इसे रोकने का पूर्ण प्रयास भी करूंगा |

२.मनोहर लाल बिस्सू –(प्रधानाचार्य रा.आ.उ.मा. विद्यालय गोलूवाला )- बिलकुल सही बात है हमे अक्सर इस प्रकार कि शिकायते मिलती ही रहती है लेकिन ये कार्य हमारे अधिकार  क्षेत्र से परे है 

3. हरलाल हुड्डा ( डीईओ हनुमानगढ़ )-अभी तक मुझे इस बारे में कोई शिकायत नही मिली है चूँकि अब शिकायत मिली है तो इस पर जरूर कार्यवाही की  जावेगी | इस बारे में अभिभावकों को पत्र या किसी और माध्यम से DO ऑफिस में शिकायत दर्ज करवानी चाहिए ताकि इस प्रकार के अवांछनीय कार्यो पर रोक लगाई जा सके |

4 सीमा झाम्भ ( प्रधानाचार्या रा. आ.उ.मा.विद्यालय गोलूवाला निवादान )- बिलकुल स्कूलों का ये सिस्टम गलत है इस पर रोक लगनी चाहिए | इस बारे में हमे कई बार शिकायतें भी मिली है  इस बारे में हुम जरूर प्रयास करेंगे | मैं अपने उचाधिकारियों को भी इस मामले से अवगत करवाउंगी और जल्द से जल्द इस पर रोक लगेगी।




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