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झुंझनू:-जिला स्टेडियम में होंगी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाएँ-सांसद


रिपोर्ट एक्सक्लूसिव,झुंझुनूं। जिले में बेहतर खेल सुविधाएँ उपलŽध करने के अपने वादे को आज सांसद संतोष अहलावत ने पूरा कर दिया। सांसद के अथक प्रयासों से केंद्र सरकार द्वारा खेलो इंडिया स्कीम के तहत जिले के स्वर्ण जयंती स्टेडियम में 15  करोड़ की लागत से एक सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक के निर्माण एवं एक बहुउदेशीय हॉल के निर्माण को हरी झंडी मिल गई हैं। 
केंद्र सरकार के युवा एवं खेल मंत्रालय द्वारा 7 करोड़ रूपए की लागत से एक सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक के निर्माण तथा 8  करोड़ रूपए की लागत से एक बहुउदेशीय हॉल के निर्माण के लिए वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी गई तथा दोनों कार्यों के लिये 6 करोड़ रूपए की पहली किस्त भी राज्य सरकार के खेल परिषद् को जारी कर दी गई हैं।
केंद्र सरकार द्वारा राजस्थान राज्य खेल परिषद् को इस कार्य के लिए कार्यकारी एजेंसी नियुक्त किया गया है। सांसद ने प्रधानमंत्री तथा केंद्रीय युवा एवं खेल मामलों के का आभार व्यक्त किया और कहां की स्वर्ण जयंती स्टेडियम में इस ट्रैक और बहुउदेशीय हॉल के बनने से जिले के खिलाडियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की  प्रतिस्पर्धा में भाग लेने में काफी मदद मिलेगी। 
अहलावत ने कहा की जिले में खिलाडियों की कमी नहीं, जिले ने देश को काफी संख्या में अंतरराष्ट्रीय स्तर के  खिलाडी दिए है-जरुरत इस बात की थी की हम खिलाडिया को अंतराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएँ मुहैया कराएं, जिसकी शुरुवात अब हो गई है। इस वर्ष के राज्य सरकार के बजट में भी जिले में पटियाला की तर्ज पर स्पोर्ट्स अकादमी के लिए 31 करोड़ की घोषणा माननीय मुख्यमंत्री द्वारा की गई है जिस का भरपूर लाभ जिले के खिलाडियों को मिलेगा।
उन्होंने कहा की जिले में उभरते हुए खिलाडियों को बेहतर खेल सुविधाएँ उपलŽध करने के लिए उनके द्वारा पिछले 4 सालों से लगातार प्रयास किए जा रहे थे, जिसके फलस्वरूप आज जिले के काफी सारे स्कूलों में अच्छे स्तर के खेल मैदान है, केंद्र सरकार की खेलो इंडिया स्कीम के अंतरगर्त भी जिले में काफी सारे खेल मैदानों का कायाकल्प हुआ है। उन्होंने कहा की इस योजना का उद्देश्य गरीब और पिछड़े क्षेत्र में खेलों को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए किया गया है। इस योजना की मदद से उन खिलाडियों को मदद मिल रही है जो क्षमता होने के बाद भी पैसे या साधन ना मिलने से पीछे रह जाते है। इस योजना की सहायता से महिलाओं को भी खेलों में प्रोत्साहन मिल रहा है। भारत सरकार के द्वारा उठाया गया यह कदम भविष्य में खेल क्षेत्र में सुधार के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।

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