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अयोध्या की विवादित जमीन पर बौद्धों ने भी किया दावा-सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका


नेशनल। अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई प्रारंभ हो चुकी है। अब इस विवाद से एक तीसरा पक्ष भी जुड़ गया है। बौद्ध समुदाय के कुछ लोगों ने दावा किया है कि यह विवादित जमीन बौद्धों की है और यह पहले एक बौद्ध स्थल था।

अयोध्या में रहने वाले विनीत कुमार मौर्य ने सुप्रीम कोर्ट में इस बारे में याचिका भी दायर की है। उन्होंने विवादित स्थल पर भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग  द्वारा चार बार की जाने वाली खुदाई के आधार पर यह दावा किया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के आदेश पर इसकी अंतिम खुदाई साल 2002-03 में हुई थी। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि यह याचिका 'बौद्ध समुदाय के उन सदस्यों की तरफ से दायर की गई है, जो भगवान बुद्ध के सिद्धांतों के आधार पर जीवन जी रहे हैं।

 याचिका में दावा किया गया है कि बाबरी मस्जिद के निर्माण से पहले उस जगह पर बौद्ध धर्म से जुड़ा केंद्र था। याचिका में कहा गया है कि खुदाई से पता चला है कि वहां स्तूप, गोलाकार स्तूप, दीवार और खंभे थे, जो किसी बौद्घ विहार की विशेषता होते हैं। मौर्य ने दावा किया है कि जिन 50 गड्ढों की खुदाई हुई है, वहां किसी भी मंदिर या हिंदू ढांचे के अवशेष नहीं मिले हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि विवादित स्थल को श्रावस्ती, कपिलवस्तु, कुशीनगर और सारनाथ की तरह ही एक बौद्ध विहार घोषित किया जाए।


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