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हनुमानगढ़ 24वें जिला कप्तान ने शुरू की नई पारी,हो सके तो इतना जरूर कीजियेगा...


हनुमानगढ़।(कुलदीप शर्मा) लो जी जिले को 24वां एसपी मिल चुका है और पदभार भी ग्रहण कर लिया है। जो हमेशा होते आया है वो ही कल भी देखा गया थानों के निरक्षण कर दिशा निर्देश दिए गए,यातायात व्यवस्था को लेकर निरक्षण किया गया। एकबारगी तो हर बार ऐसा ही लगता है कि अबकी बार कप्तान अच्छे आये लेकिन समय के साथ फील्ड का दबाब या अन्य किसी दबाब के चलते सिर्फ चुपी साध लेते है।

 खैर हमारे शहर से लेकर जिले भर की जनता बहुत ही शांतिप्रिय रही है। शहर से लेकर जिले भर में हालात कुछ ठीक नजर नहीं आते हैं। पुलिस का खौफ कितना है वो काफी हद तक जिले के नए कप्तान जानते होंगे या जान जाएंगे! यहां बहुत से परिवाद तो बिना सोचे-समझे व जांच के दर्ज कर लिए जाते है बल्कि जब बात किसी प्रतिष्ठित से जुड़ी हो तो शायद एफआईआर लिखवाना मुश्किल हो जाती है! शहर के यातायात व्यवस्था सुधारने के नाम पर अनेको प्रयोग व प्रयास किये जाते रहे हैं लेकिन नतीजा सिफ़र ही रहा है! जब किसी एक ही काम के लिए बार-बार अभियान चलाना पड़े बावजूद उसके कोई सुधार ना हो तो शायद आप भी ये ही कहेंगे कि कोई असर नहीं है और यातायात व्यवस्था की हालात जस की तस ही रहेगी!

नए जिला कप्तान ने ही आते ही जुआ-सट्टा व नशे को खत्म करने के जो वायदे कर आपने आम आदमी को शहर से जिले भर में जो सपना दिखाया है वो बरकरार रखना! कहीं ऐसा ना हो समय के साथ जिले के 24वें एसपी भी बाद में इन चीजों से भागते नजर आए। शहर से जिले भर में हालात किसी से छिपे नहीं है। सीएलजी सदस्य भी पुलिस ने बनाये थे लेकिन वो किस काम मे लगे हुए है या किस क़दर वो जिले की समस्याओं पर जिक्र करते है वो सभी को पता है। आशा है जिले के नए कप्तान जिले भर में दिखावे के लिए बनाए गए सीएलजी सदस्यों से बैठके कर आमजन में विश्वास कायम करते हुए फाइलों पर जमी धूल को साफ करेंगे। वहीं कुछ जगह से भी लगातार सूत्रों से सामने आता रहा है कि सीएलजी सदस्य वर्षो से जमे हुए है।

अगर एक अफसर ज्यादा दिन एक ही जगह नहीं रह सकता तो निष्क्रिय सीएलजी सदस्यों को भी बदलकर नए को मौका देना चाहिए। जिले भर में पुलिस ने मीडिया की खबरों के बाद नशे पर कुछ बड़ी तो कुछ छोटी कार्रवाईयों को अंजाम दिया है लेकिन इन्हें निरन्तर रखने की जरूरत है।

 जिले में नए कप्तान आते ही बाहर नाम प्लेट बदल दी जाती है लेकिन नाम प्लेट के साथ अगर व्यवस्था बदलेगी तो जाहिर सी बात है आपका नाम आमजन के जुबां व दिल मे होगा वो नाम प्लेट से कहीं बेहतर है! फिर भी वो ही गुजारिश है कि जिले की जनता को कोई सपना ना दिखाए ताकि वो बाद में खुद को ठगा महसूस कर सके।

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