Advertisement

Advertisement

तीन तलाक का मुद्दा फिर रुका!नहीं बन पाई बात,अब ये करेगी बीजेपी सरकार


नई दिल्ली: केंद्र सराकर जिस ट्रपिल तलाक बिल को इस सत्र में पास करवाने की कोशिश में थी वो अब अगले सत्र तक के लिए टल गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार तीन तलाक बिल को राज्यसभा में लाने पर सहमति नहीं बन पाई है और इस कारण अब इसे अगले सत्र में पेश किया जाएगा। इससे पहले केंद्र सरकार इस बिल को लेकर एक अध्यादेश भी जारी करेगी।

राज्यसभा में सभापति वैकेंया नायडू ने सदन को जानकारी दी कि इस पर सहमति नहीं बनने के कारण इसे फिलहाल रोक दिया गया है। बता दें कि आज संसद के मानसून सत्र का आखरी दिन था। इससे पहले विपक्ष की मांगों को स्वीकार करते हुए कैबिनेट ने एक साथ तीन तलाक विधेयक में संशोधनों को हरी झंडी देते हुए राज्यसभा में लाने की तैयारी थी। खबर यह भी थी कि अगर बिल राज्यसभा में पास होता है तो संसद सत्र एक दिन के लिए बढ़ाया जा सकता है। बिल को राज्यसभा में पास करवाने के लिए सरकार रणनीति बनाने में लगी है और इसके लिए संसद में ही भाजपा की बैठक भी हुई। इस बैठक में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, मुख्तार अब्बास नकवी और रवि शंकर प्रसाद मौजूद रहे। 

होने लगी बयानबाजी

राज्यसभा में बिल पेश होने से पहले इसे लेकर कांग्रेस नेताओं की बयानबाजी भी शुरू हो गई है। कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने कहा कि महिलाओं के साथ हर समाज में बुरा व्यवहार होता है। सिर्फ मुस्लिम ही नहीं बल्कि हिंदू, ईसाई और सिखों में पुरुषों का दबदबा होता है। यहां तक की श्रीराम ने भी सीता पर शक कर उन्हें छोड़ दिया था। इसलिए हमें संपूर्ण रूप से बदलना होगा।

राफेल सौदे पर राज्यसभा में भी हंगामा

इससे पहले राफेल विमान सौदे की संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से जांच कराने की मांग कर रहे कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही एक के बाद एक दोपहर 2.30 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। सुबह सदन की बैठक शुरू होते ही कांग्रेस सदस्यों ने इस मुद्दे पर हंगामा शुरू कर दिया। उपसभापति हरिवंश ने सुबह के सत्र का संचालन किया और उनके आसन संभालने पर सदस्यों ने उनका स्वागत किया।

उपसभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपील की कि वे सदन में शून्यकाल चलने दें। विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने आरोप लगाया कि राफेल सौदा एक बड़ा घोटाला है और उन्होंने इसकी जेपीसी से जांच कराने की मांग की। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि कहा कि उन्होंने नियम 267 के तहत एक नोटिस दिया है। इस पर उपसभापति ने कहा कि सभापति ने उनके नोटिस को स्वीकार नहीं किया है।

कैबिनेट ने दी मंजूरी

इससे पहले गुरुवार को केंद्रीय कैबिनेट ने इस बिल में तीन अहम संशोधनों को मंजूरी दे दी। इन संशोधनों के अनुसार, तत्काल तलाक के आरोपित पतियों को न सिर्फ जमानत मिल सकेगी, बल्कि मजिस्ट्रेट के सामने समझौते का विकल्प भी खुला रहेगा।

सोनिया से मदद की उम्मीद

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संशोधनों के बाद कांग्रेस नेता सोनिया गांधी से राज्यसभा में इस विधेयक को पास कराने में मदद की उम्मीद जताई। यह विधेयक लोकसभा में पहले ही पास हो चुका है। लेकिन राज्यसभा में संख्या बल के कारण विपक्ष इसका विरोध कर रहा था। विपक्ष और खासकर कांग्रेस इसमें संशोधनों की मांग कर रही थी।

राजग की कमजोर स्थिति के कारण विपक्षी सदस्यों को मनाने के लिए विधेयक में संशोधन की जरूरत थी, जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। संशोधनों में विपक्ष की आपत्तियों को समाहित करने का प्रयास किया गया है। संशोधनों के साथ विधेयक के राज्यसभा में पास होने के बाद उसे दोबारा लोकसभा में भेजना पड़ेगा। लोकसभा में इन संशोधनों को हरी झंडी मिलने के बाद ही विधेयक को संसद से पारित माना जाएगा।

तीन अहम संशोधन

1. अब एक साथ तीन तलाक के आरोपित पति को जमानत मिल सकती है। मूल विधेयक में यह गैर-जमानती अपराध था। अब मजिस्ट्रेट जमानत दे सकता है।

2. मूल विधेयक में पड़ोसी को भी आरोपित के खिलाफ पुलिस में शिकायत करने का अधिकार था। अब इसे पत्नी या उसके रक्त संबंधी तक सीमित कर दिया गया है।

3. विधेयक में तीसरे संशोधन के तहत तीन तलाक मामले में आपराधिक प्रक्रिया शुरूकरने के पहले दोनों पक्षों में समझौते का विकल्प खोला गया है। इसके तहत पति-पत्नी दोनों चाहें तो मजिस्ट्रेट के सामने समझौते से तलाक खत्म कर सकते हैं। इसके बाद आपराधिक कार्रवाई नहीं होगी।


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Advertisement

Advertisement