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28 सितम्बर को 7 करोड़ मतदाता शामिल होंगे भारत व्यापार बंद में


देश में पहली बार अपने अधिकारों और कारोबार की सुरक्षा को लेकर देश भर के लगभग 7 करोड़ मतदाता आगामी 28 सितम्बर को भारत व्यापार बंद में शामिल होकर अपना रोजगार बंद रखेंगे और विरोधस्वरूप किसी भी प्रकार का कोई कारोबार नहीं करेंगे। भारत व्यापार बंद का आव्हान वालमार्ट फ्लिपकार्ट डील और रिटेल में विदेशी निवेश के खिलाफ कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने किया है।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने आज यहाँ कहा की वालमार्ट फ्लिपकार्ट डील सरासर सरकार की एफडीआई पालिसी का उल्लंघन है जिससे सीधे तौर पर आने वाले समय में देश के छोटे व्यापारियों के पेट और रोज़गार पर लात पड़ेगी वहीँ दूसरी ओर देश के रिटेल व्यापार में किसी भी तरह के विदेशी निवेश की अनुमति वर्तमान परिस्थितियों में देश के घरेलू व्यापार एवं लघु उद्योग के लिए बेहद घातक सिद्द होगी। इस वास्तविकता के बावजूद बड़ी विदेशी कंपनियों को रिटेल व्यापार में प्रवेश करने का मौका दिया जा रहा है।
श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने यह भी कहा की देश के छोटे व्यापारियों के व्यापार की उन्नति एवं व्यापार के बड़े अवसर प्रदान करने के लिए आज तक कोई भी कदम नहीं उठाये गए, गत अनेक वर्षों में व्यापारियों से कोई बातचीत तक शुरू ही नहीं हुई वहीँ दूसरी ओर विदेशी कंपनियों के कर्त्ता धर्ताओं के साथ सरकारी अमले की मुलाकातों का सिलसिला जारी रहता है।
इससे साफ़ जाहिर होता है की छोटे व्यापारी और लघु उद्योग किसी भी प्राथमिकता पर नहीं है जबकि देश में लगभग 42 लाख करोड़ रूपए का वार्षिक रिटेल व्यापार होता है ! देश के छोटे व्यापारी और लघु उद्योग अपने को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं और अपने कारोबार के भविष्य को लेकर चिंतित हैं। 28 सितम्बर को भारत व्यापार बंद के वालमार्ट फ्लिपकार्ट डील को रद्द करने एवं रिटेल व्यापार में विदेशी निवेश को अनुमति न दिए जाने की मांग की है।

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