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कक्षा 3 में पढ़ने वाले 75% बच्चे सामान्य वाक्य पढ़-समझ पाने में असमर्थ!


नई दिल्ली(जी.एन.एस)
– कक्षा 3 में पढ़ने वाले 25% बच्चे ही सामान्य वाक्य पढ़-समझ पाते हैं: रिपोर्ट
पिछले कुछ दिनों से मीडिया पर ऐसी खबरें देखने को मिलती है जिनमें बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षकों की नॉलेज की पोल खुल जाती हो। भारत में शिक्षा के स्तर को बेहतर करने की जिम्मेदारी जिनके कंधों पर हो जब उनमें से ही कई शिक्षकों के पास प्राथमिक ज्ञान न हो तो यह चिंता का विषय बन सकता है। कुछ दिनों पहले गुजरात के एक शहर में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने शिक्षकों का इंटरव्यू लिया था। उस में राज्य के वित्त मंत्री कौन है वो भी नहीं जानते थे यह शिक्षक। अरे कुछ शिक्षकों को यह तक पता नहीं था की राज्य की राजधानी कौन सी है। कुछ शिक्षकों को अंकों का ज्ञान नहीं था तो कुछ अंग्रेजी पढ़ानेवाले शिक्षक स्पेलींग भी बता नहीं पा रहे थे।
भारत में शिक्षा के स्तर पर एक हालिया रिपोर्ट में भी यह चिंता देखी जा सकती है। इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले केवल एक चौथाई यानी 25 पर्सेंट बच्चे ही सामान्य वाक्यों वाली छोटी कहानी पढ़ और समझ पाते हैं तथा दो अंकों के घटाव के सवालों का हल कर पाते हैं। इस रिपोर्ट को ‘बिल ऐंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन’ ने तैयार किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार के अपने राष्ट्रीय आकलन सर्वे में भी यह पता चला है कि इस तरह के बच्चों की बड़ी तादाद है, जिनमें सीखने का स्तर बेहद कम है। रिपोर्ट में कहा गया है, तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले केवल एक चौथाई बच्चे ही सामान्य वाक्यों वाली छोटी कहानी को पढ़ और समझ पाते हैं तथा एक या दो अंकों के घटाव के सवालों का हल कर पाते हैं। रिपोर्ट में वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट 2017 के आंकड़ों का जिक्र किया गया है।

इसमें कहा गया है कि इस समस्या के सामने आने के बाद भारत और अन्य देशों में इस पर ध्यान दिया जाने लगा है। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अलावा दिल्ली और राजस्थान की सरकारें इसमें सुधार करने की व्यवस्था कर रही हैं। भारत में नेता इस मुद्दे को एजेंडे में रख रहे हैं। विश्व बैंक की विश्व विकास रिपोर्ट 2018 में शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

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