जयपुर (जीएनएस) भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त ओमप्रकाश रावत, चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा और चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने प्रदेश के सभी अधिकारियों को पूरी तरह निडर और निष्पक्ष रूप से कार्य करने की हिदायत देते हुए कहा कि किसी भी अधिकारी द्वारा किसी भी प्रकार की पक्षपात पूर्ण कार्रवाई को आयोग द्वारा पूरी गंभीरता से लिया जाएगा। आयोग ने मुख्य सचिव को भी निर्देश दिए कि चुनाव से जुड़े हुए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की निष्पक्षता सुनिश्चित की जाए।
भारत निर्वाचन आयोग के फुल कमीशन ने प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों की गत दो दिनों में गहन समीक्षा के बाद मंगलवार को एसएमसएस कनवेंशन सेंटर में मीडिया को संबोधित करते हुए इस दौरान हुई चर्चाओं के बारे में विस्तार से निम्ने जानकारी दी।
1. समीक्षा के दौरान आयोग द्वारा राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की गई और उनसे स्वतंत्र-निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण चुनाव सम्पन्न करवाने के संदर्भ में उनकी चिंताओं की जानकारी ली गई। आयोग द्वारा निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण मतदान हेतु उनके सुझावों को भी नोट किया गया।
2. आयोग द्वारा सभी संभागीय आयुक्तों, महानिरीक्षक रेंज, पुलिस आयुक्तों, जिला निर्वाचन अधिकारी, (कलक्टर) और सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों के साथ विस्तृत चर्चा कर अब तक की गई तैयारियों की समीक्षा की गई और उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए।
3. इसके साथ ही मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, अतिरक्त मुख्य सचिव (गृह) तथा राज्य के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से भी चुनाव से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया।
4. आयोग द्वारा स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव संपादित करने के लिए सीपीएफ, आयकर, परिवहन, वाणिज्य कर, प्रमुख बैंकों, रेलवे, एयरपोर्ट, आबकारी, कार्मिक, परिवहन, गृह एवं वित्त विभागों के उच्च अधिकारियों एवं राज्य नोडल अधिकारियों से भी आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति पर विस्तार से चर्चा की गई।
5. सीएसओ के एक प्रतिनिधि मंडल ने भी आयोग से मिलकर मतदाता सूची के संदर्भ में जानकारी दी। सुझाव रखे। उनके सुझावों पर आवश्येक कार्यवाही करने के निर्देश आयोग ने दिए।
राजनीतिक दलों से चर्चा के दौरान मुख्य बिन्दु
मतदाता सूची
1. कुछ राजनैतिक दलों द्वारा आयोग के मतदाता सूची प्रबंधन की प्रशंसा करते हुए दोहरी प्रविष्टियों के संदर्भ में शिकायत दर्ज की एवं इनके प्रभावी समाधान की मांग की। उनके द्वारा यह भी सुझाया गया कि इस संबंध में सभी राजनैतिक दलों की बैठक करवाई जाए, जिसमें मतदाता सूची संबंधी सभी शंकाओं का समाधान हो सके।
2. कुछ राजनैतिक दलों द्वारा यह भी मांग की गई बीएलओज को कुछ दिनों के लिए पूर्णकालिक तरीके से तैनात करके नए मतदाताओं को मतदाता सूची में शामिल करने के लिए निर्देशित किया जाए। कुछ राजनीतिक दलों की मांग थी कि नाम निर्देशन के अंतिम दिनांक के पश्चात कोई नया नाम नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
3. इसके अलावा यह भी मांग की गई कि आयोग द्वारा उन समस्त मतदाताओं के नाम शामिल किए जाएं, जिनके पास न्यूनतम आवश्यक दस्वावेज उपलब्ध हों और वे उक्त पते पर लंबे समय से रह रहे हैं।
4. मतदान केंद्रों का रेशनाइलेजश इसी आधार पर किया जाए जिससे प्रत्येक मतदान केंद्र पर एक हजार मतदाताओं से अधिक नहीं हों।
5. कुछ राजनैतिक दलों द्वारा मतदान केंद्र पर लगने वाली मतदाताओं की पंक्ति को सीमित रखने एवं अन्य मतदाताओं के लिए प्रतीक्षा कक्ष की व्यवस्था करने की भी मांग की गई। इसके अलावा प्रस्तावित प्रतीक्षा कक्ष में सुझाव एवं शिकायत पेटी रखवाने की मांग की।
कानून एवं व्यवस्था
1. राजनैतिक दलों द्वारा प्रदेश भर में स्वतंत्र-निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने की मांग की गई।
2. संवेदनशीन मतदान केंद्रों के लिए विशेष व्यवस्था करने की भी मांग की गई। इसमें यह भी मांग की गई कि कमजोर तबके के लोगों के मताधिकार का किसी भी प्रकार से हनन ना हो, इसके लिए पर्याप्त सुरक्षा की व्यवस्था द्वारा सुनिश्चित की जाए।
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