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भारतीय अर्थव्यवस्था पर चोट पहुंचाने के लिए पाक कर रहा बांग्लादेश का उपयोग



सिलीगुड़ी(जी.एन.एस) भारतीय अर्थ व्यवस्था को चोट पहुंचाने के उद्देश्य से पाकिस्तान द्वारा नकली नोट भेजे जाने के लिए बांग्लादेश का उपयोग किया जा रहा है। पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के माध्यम से बांग्लादेश के रास्ते पाकिस्तान से आने वाले नकली नोटों को देश के कोने-कोने तक पहुंचाया जा रहा है। देश के किसी भी हिस्से में नकली नोटों की बरामदगी हो या इस मामले में किसी की गिरफ्तारी, अधिकतर से मालदा कनेक्शन जुड़ ही जाता है। अभी गत दिवस शनिवार को ही मालदा से दो-दो हजार के पचास नोटों को कोलकाता ले जा रहे दो युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। इनके पता चला कि ये नोट बांग्लादेश से मुहैया कराए गए थे।



मालदा जिले की करीब 172 किमी लंबी सीमा बांग्लादेश से लगी हुई है। इसमें करीब 22 किलोमीटर बिल्कुल खुली है। तस्कर ज्यादातर इसी खुली सीमा का प्रयोग नकली नोटों, नशीले पदार्थ या हथियार की तस्करी के लिए करते हैं। जहां घेराबंदी है, वहां भी कहीं-कहीं तस्करों ने अपने आने-जाने लायक रास्ता तैयार कर लिया है। हालांकि खुली और घेराबंदी दोनों सीमाओं पर बीएसएफ की चौकसी हमेशा रहती है, लेकिन नजर हटते ही तस्कर अपने मंसूबे में कामयाब हो जाते हैं। खुफिया एजेंसियां भी मानती हैं कि बांग्लादेश सीमा से सटे कालियाचक आइएसआइ के लिए सेफ जोन है। आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन जाली नोटों के कारोबार में आइएसआइ को मदद कर रहा है।



बता दें कि नोटबंदी के बाद नकली नोटों का पहली जखीरा जनवरी 2017 में आया था। बीएसएफ ने मालदा में दो हजार के नकली नोट पकड़े थे। तब से लेकर आज तक करोड़ों रुपये के नकली नोट पकड़े जा चुके हैं। आइएसआइ ने दो हजार के नोटों के 17 में 10 निशानों की हूबहू नकल कर ली है। अभी हाल ही में गत 28 सितंबर को कालियाचक थाने की पुलिस ने 52 हजार के नकली नोटों के साथ मो. आसमाउल हक तथा शादिक उ हक को गिरफ्तार किया। इनके पास से सभी दो-दो हजार के नोट ही बरामद किए गए। गत वर्ष 20 फरवरी को मालदा में ही बीएसएफ ने एक शख्स को दो-दो हजार के 48 नकली नोटों के साथ शरीफ उल शाह को गिरफ्तार किया था। इसी वर्ष 11 मई को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिल्ली के सीलमपुर मेट्रो स्टेशन के पास से आठ लाख रुपये के जाली नोटों के साथ शम्स कामिल को गिरफ्तार किया था। इसके पास से बरामद सभी जाली नोट दो-दो हजार के थे।

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पुलिस को उसके पास से दो मोबाइल फोन भी मिले थे। कामिल ने पुलिस को बताया था कि आठ लाख के नोट उसे मालदा के मारुज ने ढाई लाख में दिए थे। अब ये रुपये वो गांधी नगर के दूसरे शख्स को चार लाख में बेचने वाला था। पिछले वर्ष 18 नवंबर को छह लाख साठ हजार के नकली नोटों के साथ दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आनंद विहार बस अड्डा के पास से मालदा निवासी काशिद को गिरफ्तार किया था। उसके पास से बरामद सभी नोट पाकिस्तान में छपे होने की बात उस समय पुलिस द्वारा बताई गई थी। पश्चिम बंगाल सीआइडी ने इसी वर्ष 23 मार्च को मालदा से दो व्यक्तियों को गिरफ्तार कर उनके पास से चार लाख के नकली नोट बरामद किए थे। 


ये नोट दो हजार और दो-दो सौ के थे। दोनों मालदा के ही निवासी थे। गत वर्ष बीएसएफ ने 17 अप्रैलको मालदा जिले के कालियाचल थानानंतर्गत चुरियंतपुर बॉर्डर आउटपोस्ट इलाके से दो हजार के साथ लाख रुपये के जाली नोट बरामद किए थे। इसमें किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी। सीमा पार से एक पैकेट में इन नोटों को फेंका गया था, जो तस्करों के पहले बीएसएफ के हाथ लग गया।


नोटबंदी से अब तक पूरे देश में करोड़ों रुपये की फेक करेंसी बरामद की गई है। इनमें अधिकतर का कनेक्शन मालदा से ही जुड़ा है। अच्छी रेल सेवा और सड़क की कनेक्टिविटी, बांग्लादेश सीमा से नजदीकी ने मालदा को फेक करेंसी के कैपिटल में तब्दील कर दिया है। मालदा रेल के जरिए दिल्ली, दक्षिण भारत, बिहार तथा उत्तर प्रदेश से जु़ड़ा हुआ है। मालदा से गंगा पार करके झारखंड भी पहुंचा जा सकता है। सैन्य प्रोटोकाल के तहत ऑफ द रिकॉर्ड बीएसएफ के स्थानीय अधिकारी स्वीकार करते हैं कि भारत में नकली नोटों को भेजने के लिए पाकिस्तान इस समय बांग्लादेश का उपयोग कर रहा है। इसके लिए सबसे नजदीक मालदा है। बांग्लादेश से नकली नोटों की खेेप आने से रोकने के लिए बीएसएफ के जवान हमेशा तत्पर रहते है। यही कारण है कि आए दिन इसकी बरामदगी होती रहती है।

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