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लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127 की पालना जरूरी नही तो 6 माह की सजा व 2 हजार रूपये का दण्ड


पंपलैट्स पर्चें, पोस्टर, विज्ञापन अथवा हैंडबिल पर प्रकाशक मुद्रक का नाम जरूरी
पालना नही करने पर 6 माह की सजा व 2 हजार रूपये का दण्डः-उप जिला निर्वाचन अधिकारी

श्रीगंगानगर। अतिरिक्त जिला कलक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी नख्तदान बारहठ ने कहा कि विधानसभा आम चुनाव 2018 में राजनीतिक पार्टियों, प्रत्याशियों या उनके समर्थकों द्वारा प्रकाशित करवाए जाने वाले पंपलैट्स पर्चें, पोस्टर, विज्ञापन अथवा हैंडबिल प्रकाशित या मुद्रित करवाते हुए लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127 के विभिन्न प्रावधानों की पालना सुनिश्चित करनी होगी।
अतिरिक्त जिला कलक्टर सोमवार को कलेक्ट्रेट सभा हॉल में प्रिटिंग प्रेस, होर्डिग्स निर्माता, संचालकों की बैठक में आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने बताया कि पंप्लैट्स, पर्चें और पोस्टर के मुख्यपृष्ठ पर मुद्रक एवं इसके प्रकाशक का नाम और पता अनिवार्य रूप से लिखवाना होगा। कोई भी व्यक्ति किसी निर्वाचन पप्लैट्स, पर्चें अथवा पोस्टर का मुद्रण तब तक नही कर अथवा करवा सकेगा। जब तक कि प्रकाशक की पहचान की घोषणा उसके द्वारा हस्ताक्षरित तथा दो व्यक्ति जो उन्हें व्यक्तिगत रूप से जानते हो, द्वारा सत्यापित न करवाया जाये। सत्यापन के पश्चात मुद्रक को इसकी 2 प्रतिलिपि देनी होगी। दस्तावेज के प्रकाशन के पश्चात मुद्रक इसकी एक प्रति तथा घोषणा पत्रा की एक प्रति जिला निर्वाचन अधिकारी को प्रस्तुत करेगा। इसके लिये सूचना जनसंपर्क कार्यालय में मीडिया प्रकोष्ठ गठित किया गया है, जहां घोषणा पत्रा व छपी सामग्री की प्रति प्रस्तुत करनी होगी।
उन्होंने बताया कि कोई व्यक्ति लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127 का उल्लंघन करता है तो वह 6 महीने का कारावास अथवा 2 हजार रूपये जुर्माना अथवा दोनों से दंडित होगा। उन्होंने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि यदि किसी व्यक्ति द्वारा निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान धर्म, वंश, जाति, समुदाय, भाषा या विरोधी के चरित्रा हनन जैसे आधार पर अपील जैसी अवैध सामग्री प्रकाशित करवाई जाती है, तो संबंधित व्यक्तियों के विरूद्ध आवश्यक दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी, साथ ही यह राजनीतिक दलों, अभ्यर्थियों तथा उनके समर्थकों द्वारा निर्वाचन पंप्लैट्स, पर्चे, पोस्टरों आदि के मुद्रण और प्रकाशन पर हुए अनाधिकृत व्यय पर रोक लगाने में सहायक होंगे।
उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि प्रिंटिंग प्रैस को मुद्रण सामग्री मुद्रित होने के 3 दिन के भीतर प्रतियां तथा प्रकाशक से प्राप्त घोषणा पत्र रिटर्निंग अधिकारी को भेजना होगा। यदि इन आदेशों का उल्लंघन पाया जाता है तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी तथा प्रिटिंग प्रेस के लाईसैंस का प्रतिसंहरण भी किया जा सकेगा। जिला मजिस्ट्रेट को प्रतियां प्राप्त होने के बाद इस बात की जांच की जायेगी कि प्रकाशक या प्रिंटर द्वारा सभी आदेशों की अनुपालना की है अथवा नही। उन्होंने बताया कि निर्वाचन आयोग ने राजनीति दलों, अभ्यर्थियों और अन्य संबंधित लोगों से इन आदेशों की शत-प्रतिशत पालना के निर्देश दिये है।
बैठक में उपखण्ड अधिकारी सौरभ स्वामी, सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी रामकुमार राजपुराहित, प्रशिक्षक अशोक शर्मा, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी सुरेन्द्र सोनी, मुख्य आयोजना अधिकारी कालीचरण, विजयकान्त पाठक सहित अन्य विभागों के अधिकारी तथा प्रिंटिंग प्रेस संचालकों ने भाग लिया। 

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