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#Expose वाह चुनाव आयोग!पेढ न्यूज़ पर गिद्ध जैसी निगाह,धनकुबेरों के शराब,पैसो व गाड़ियों पर कोई प्रसज्ञान नहीं, दोगली नीति...!


हनुमानगढ़(कुलदीप शर्मा) प्रदेश भर में चुनाव आयोग ने सख्ती के कई नए आयाम छू लिए है। हर रोज चुनाव आयोग ने बड़े-बड़े कार्यक्रम करवाये व जिला निर्वाचन अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए। जिसके चलते खुद को सख्त दिखाने के लिए हर रोज नए प्रेस नोट जारी किए गए। हर रोज अधिकारियों की बैठकों का दौर बढ़ता रहा। चुनाव ईमानदारी से करवाने के लिए शपथ भी लिया गया लेकिन हुआ ऐसा की सब कुछ हवा हवाई नजर आ रहा है। धन कुबेरों को रोकने में चुनाव आयोग व पुलिस बिल्कुल फैल नजर आयी है! अब अगर ऐसा रहा तो चुनाव आयोग की मिलिभक्त से भी इंकार शायद नहीं किया जा सकता है!

विकास नहीं शराब व पैसो की बात करे...
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शहर व विधानसभा में विकास की बातों का अब समय गया। जब तक पार्टियों के प्रचार-प्रसार चल रहे थे तब तक विकास की बाते मंचो के माध्यम से खूब हो चुकी है। अब किसी को विकास बताते हुए तो नजर नहीं आते ये पूछते जरूर नजर आते है कि आपको पैसे चाहिए या शराब...! लेकिन चुनाव आयोग व पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठे है। कितनी विडंबना है कि सभी आंखों से देख रहे व कानो से सुन रहे है लेकिन बावजूद इनके कोई सज्ञान लेने को तैयार नहीं है।

पेढ न्यूज़ पर गिद्ध की निगाह लेकिन यहां सबकी आंखे बंद...
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विधानसभा क्षेत्र में चुनावो के आखिरी दिनों में शराब व पैसे बटने का खेल सरेआम होता है सभी को इस बारे में बारीकी से पता है। ये बात जब पब्लिक को पता है तो अधिकारियों व खुफिया तंत्र को ना पता हो ये बात हजम नहीं होती है। लेकिन फिर भी चुनाव आयोग व पुलिस पार्टिया घोड़े बेच कर सो रही है। एक तरफ मीडिया की कोई भी खबर को गिद्ध की निगाहों की तरह खुद पकड़ कर नोटिस पर नोटिस देते नहीं थकते है तो दूसरी तरफ सब कुछ सरेआम हो रहा है लेकिन फिर भी किसी प्रकार की कोई कार्रवाई से सरोकार नहीं है। ऐसे में हम कैसे कह सकते हैं कि चुनाव आयोग निष्पक्ष तौर पर चुनाव करवाने की पहल कर रही है।

आज जो आपको खरीदेंगे वो कल आपको बेचेंगे...
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धनकुबेरों ने वोट मांगने व छिनने के कई हथकंडे अपनाये है और अपनाते भी आ रहे हैं। उसी हथकंडो में शराब व पैसे बांटने का भी बड़ा खेल होता है। लेकिन आमजन को ये भी ज्ञात होंना चाहिए कि जो आपको आज खरीदेंगे वो कल आपको बेचेंगे भी...! चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर ऐसे में सवाल उठाना लाजमी है!

गाड़ियों की भी होगी व्यवस्था...
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चुनाव आयोग ने दावे किए हैं कि शराब,पैसे व अन्य लालचों में नहीं आने देंगे। लेकिन बावजूद इसके सरेआम ऐसा देखा जा सकता है। साथ ही अपुष्ट सूत्र बताते हैं कि स्थानीय वोटरों को बाहर से लाने के लिए विधायक उम्मीदवारों के कार्यकर्ता गाड़ियों से उनको लाने-ले जाने का कार्य भी करेंगे। अब देखना ये रहेगा कि चुनाव आयोग अपनी विश्वसनीयता बना पायेगा या यूं ही हर बार की तरह निष्पक्ष चुनाव का ढिंढोरा पीट कर चुनाव सम्पन्न करवा कर चला जायेगा...!

बिना शिकायत के सामने जो करो कुछ नहीं होगा...
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चुनाव आयोग के सामने कुछ भी होता हो तो यहां प्रसज्ञान का कोई भी सिस्टम नहीं है। अगर आमजन को कोई तकलीफ हो तो वो खुद शिकायत कर सकता है। ऐसे में अगर आपने शिकायत नहीं कि तो चुनाव ऐसे ही सम्पन्न हो जायेगे लेकिन कोई कार्रवाई चुनाव प्रणाली द्वारा नहीं किया जाएगा। ना ही कोई सवाल किसी व्यक्ति या पार्टी से किया जाएगा कि आप ऐसा क्यों व कैसे कर रहे हो।

चलो अब रिपोर्ट एक्सक्लूसिव ने संकल्प लिया है कि ऐसे मामलों का पर्दाफाश करेगा और रात भर निगाह रखकर शराब,पैसो के इस खेल को एक्सपोज करने का प्रयास करेगा....!

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