Sunday, 24 March 2019

Home
crime
crime news in hindi
Hanumangarh
Hanumangarh News in Hindi
Hanumangarh - दुकान पर सामान लेने गई युवती के साथ तीन युवकों द्वारा दुष्कर्म का प्रयास
Hanumangarh - दुकान पर सामान लेने गई युवती के साथ तीन युवकों द्वारा दुष्कर्म का प्रयास
हनुमानगढ़। हनुमानगढ़ जिले में एक युवती के साथ दुकान में तीन युवकों द्वारा दुष्कर्म का प्रयास की जाने की घटना उजागर हुई है। इसमें दुकानदार भी शामिल है। इस आशय का एक मुकदमा पीडि़त युवती द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर दर्ज किया गया है। भिरानी थाना पुलिस के अनुसार करीब 18 वर्षीय युवती ने शुक्रवार देर शाम को दर्ज करवाए मुकदमे में बताया है कि वह जब भी स्कूल जाती-आती, तो तीन युवक रास्ते में उसके साथ छेडख़ानी करते हैं।
वह उसे अपशब्द कहते हैं और अपने मोबाइल फोन से उसकी वीडियो बनाते रहते हैं। डर के मारे इस बारे में उसने किसी को कुछ नहीं बताया। युवती के अनुसार वह विगत 19 मार्च को दोपहर बाद 4 बजे गांव में कुलदीप की दुकान पर चीनी लेने के लिए गई थी। वहां पर कुलदीप शर्मा निवासी झांसल, सुनील पुत्र हनुमान खाती व मुकेश पुत्र मांगेराम खाती मौजूद थे।
चीनी देने के बहाने यह तीनों जने उसे दुकान के अंदर खींच कर ले गए। उसके साथ छेडख़ानी और दुष्कर्म का प्रयास करने लगे। उसके कपड़े फाड़ दिए। युवती के अनुसार उसने शोर मचाने की कोशिश की तो उसका मुंह दबा दिया। उसने किसी तरह चंगुल से खुद को मुक्त करवाया और शोर मचा दिया। उसका शोर सुनकर उसके ताऊ का बेटा वहां आ गया। पुलिस ने बताया कि मामला धारा 354, 323, 341, पोक्सो एक्ट की धारा 7 और 8 और अजा-जजा अधिनियम के तहत दर्ज किया गया है। जांच डीएसपी अतरसिंह कर रहे हैं।
Tags
# crime
# crime news in hindi
# Hanumangarh
# Hanumangarh News in Hindi
Share This
About Report Exclusive
Hanumangarh News in Hindi
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
आपके सुझाव आमंत्रित
क्या कॉरपोरेट घरानों द्वारा चलाए जा रहे या पारिवारिक विरासत बन चुके मीडिया संस्थानों के बीच किसी ऐसे संस्थान की कल्पना की जा सकती है जहां सिर्फ पत्रकार और पाठक को महत्व दिया जाए? कोई ऐसा अखबार, टेलीविजन चैनल या मीडिया वेबसाइट जहां संपादक पत्रकारों की नियुक्ति, खबरों की कवरेज जैसे फैसले संस्थान और पत्रकारिता के हित को ध्यान में रखकर ले, न कि संस्थान मालिक या किसी नेता या विज्ञापनदाता को ध्यान में रखकर. किसी भी लोकतंत्र में जनता मीडिया से इतनी उम्मीद तो करती ही है पर भारत जैसे विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में मीडिया के वर्तमान माहौल में संपादकों को ये आजादी बमुश्किल मिलती है. वक्त के साथ-साथ पत्रकारिता का स्तर नीचे जा रहा है, स्थितियां और खराब होती जा रही हैं. अब हम निष्पक्ष व् स्वतंत्र रूप से जुड़ने का काम करने का प्रयास कर रहे हैं.
No comments:
Post a comment
इस खबर को लेकर अपनी क्या प्रतिक्रिया हैं खुल कर लिखे ताकि पाठको को कुछ संदेश जाए । कृपया अपने शब्दों की गरिमा भी बनाये रखे ।
कमेंट करे