श्रीगंगानगर,। जिला कलक्टर श्री शिवप्रसाद एम. नकाते ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार जिले के सभी निजी चिकित्सालयों में चिकित्सकीय सेवाएं प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि निर्देशों की पालना नही होने की स्थिति में अस्पताल संचालकों के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जा सकती है।
श्री नकाते ने बताया कि लाॅकडाउन के दौरान यह बात सामने आई कि कुछ निजी अस्पतालों ने सामान्य ओपीडी, आईपीडी सहित आपातकालीन सेवाएं बंद कर दी हैं। इससे मरीजों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि राजस्थान स्टेट हैल्थ एश्योरेंस एजेंसी ने एक अप्रैल को ही ओपीडी सेवाएं निर्बाध रूप से जारी रखने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए थे । इसके उपरान्त भी कई निजी अस्पतालों द्वारा मरीजों को आवश्यक सेवाएं प्रदान नही की जा रही हैं और सरकारी अस्पताल में मरीजों को रैफर किया जा रहा है। इससे मरीजों को भी परेशानी हो रही है और राजकीय चिकित्सालयों पर भी अनावश्यक रूप से कार्यभार बढ़ रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए निजी अस्पतालों को पुनः स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं।
श्री नकाते ने बताया कि लाॅकडाउन के दौरान यह बात सामने आई कि कुछ निजी अस्पतालों ने सामान्य ओपीडी, आईपीडी सहित आपातकालीन सेवाएं बंद कर दी हैं। इससे मरीजों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि राजस्थान स्टेट हैल्थ एश्योरेंस एजेंसी ने एक अप्रैल को ही ओपीडी सेवाएं निर्बाध रूप से जारी रखने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए थे । इसके उपरान्त भी कई निजी अस्पतालों द्वारा मरीजों को आवश्यक सेवाएं प्रदान नही की जा रही हैं और सरकारी अस्पताल में मरीजों को रैफर किया जा रहा है। इससे मरीजों को भी परेशानी हो रही है और राजकीय चिकित्सालयों पर भी अनावश्यक रूप से कार्यभार बढ़ रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए निजी अस्पतालों को पुनः स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं।
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