नई दिल्ली। दिल्ली में कल 1024 और फिर आज सर्वाधिक 1106 कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं। कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामले को लेकर चिंता जताते हुए दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली के लोगों से हाथ जोड़कर एक बार फिर से यह अपील है कि अपने और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए लॉकडाउन के नियमों का पालन करें, अनावश्यक घर से बाहर न निकलें, अति आवश्यक होने पर घर से निकलने से पहले मास्क जरूर लगाएं और सोशल डिस्टेंसिंग का पूर्ण रूप से पालन करें।
तिवारी ने कहा कि जिस तरह से कोरोना वायरस का संक्रमण दिल्ली में बढ़ा है उसे देखते हुए निसंदेह यह कहा जा सकता है कि केजरीवाल सरकार हर मोर्चे पर नाकाम साबित हुई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने दिल्ली के लोगों को कोरोना के संक्रमण से सुरक्षित करने के बजाय अपना सारा ध्यान विज्ञापन के जरिए खुद को प्रचारित-प्रसारित करने की ओर केंद्रित रखा। विज्ञापनों में केजरीवाल की तस्वीर तो खूब चमक रही है लेकिन वास्तविकता में दिल्ली सरकार की नाकामी के कारण मासूम लोगों की जान जा रही है। दिल्ली के लोगों को उचित स्वास्थ्य सेवाएं एवं इलाज मुहैया करवाने के विपरीत आज भी केजरीवाल सरकार ने 3 पन्नों का विज्ञापन देकर दिल्ली के लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया और होम आइसोलेशन का निर्देश दिया। बदकिस्मती यह रही कि इस संकट की घड़ी में भी दिल्ली सरकार कोरोना मामले को गंभीरता से लेने की जगह आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति करती रही।
तिवारी ने कहा कि आज जो दिल्ली की दशा है ये वो दिल्ली नहीं है जिसकी दिल्ली के लोगों ने कल्पना की थी। हालात यह है कि आज दिल्ली देश के सबसे संक्रमित शहरों में से एक बन गया है। केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के अस्पतालों में बेड, कोरोना टेस्टिंग, मौत के आंकड़ों, एक्टिव मामलों को लेकर लगातार झूठ बोल कर दिल्ली के लोगों को झूठा आश्वासन देती रही कि दिल्ली में कोरोना के मामले नियंत्रित है और कोरोना से लड़ने के लिए सभी पुख्ता स्वास्थ्य व्यवस्था है लेकिन प्रतिदिन जिस गति से दिल्ली में कोरोना कि मामले बढ़ रहे हैं उसने केजरीवाल सरकार के काल्पनिक रूप से की गई स्वास्थ्य व्यवस्था की हकीकत अब दिल्ली के लोगों के सामने ला दिया है। इससे यह साफ जाहिर हो रहा है कि विज्ञापनों पर करोड़ों खर्च करने के सिवाय केजरीवाल सरकार के पास कोरोना वायरस से निपटने के लिए आगे की कोई भी रणनीति नहीं है।
तिवारी ने कहा कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी को लेकर दिल्ली सरकार इतनी लापरवाह कैसे हो सकती है? क्या लॉक डाउन की अवधि के दौरान केजरीवाल ने किसी अस्पताल का दौरा किया? क्या केजरीवाल ने किसी टेस्टिंग लैब का जायजा लिया? क्या उन्होंने किसी स्क्रीनिंग सेंटर का निरीक्षण करके देखा कि वहां पर क्या हालात हैं, क्या वहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाया जा रहा है? क्या उन्होंने दिल्ली की चरमराती स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करना जरूरी नहीं समझा? सभी तरह के स्वास्थ्य इंतजामात के दावे करने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री जवाब दें कि क्या कारण है कि दिल्ली में अचानक से कोरोना के मामले बढ़ गए?
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