श्रीगंगानगर, । इंदिना गांधी नहर के किसानों को गुरूवार 6 अगस्त सायं 6 बजे से 9 सितम्बर सायं 6 बजे तक लगातार चार समूह में पानी मिलता रहेगा। हनुमानगढ जोन के मुख्य अभियंता की ओर से चार समूह की बारी के भेजे गए प्रस्ताव पर सिंचित क्षेत्र विकास आयुक्त श्री छगनलाल श्रीमाली द्वारा अनुमोदित कर जारी कर दिया गया है। आयुक्त सी.ए.डी श्री छगनलाल श्रीमाली ने किसानों को सलाह दी है कि वे उपलब्ध नहरी पानी का ज्यादा से ज्यादा सदुपयोग करे।
Friday, 31 July 2020

Home
Hindi News
Latest
Rajasthan
Rajasthan News
report exclusive
sriganganagar
इंदिरा गांधी नहर में 6 अगस्त से 34 दिन चार समूह में मिलता रहेगा नहरी पानी
इंदिरा गांधी नहर में 6 अगस्त से 34 दिन चार समूह में मिलता रहेगा नहरी पानी
इंदिरा गांधी नहर में 6 अगस्त से 34 दिन चार समूह में मिलता रहेगा नहरी पानी
श्रीगंगानगर, । इंदिना गांधी नहर के किसानों को गुरूवार 6 अगस्त सायं 6 बजे से 9 सितम्बर सायं 6 बजे तक लगातार चार समूह में पानी मिलता रहेगा। हनुमानगढ जोन के मुख्य अभियंता की ओर से चार समूह की बारी के भेजे गए प्रस्ताव पर सिंचित क्षेत्र विकास आयुक्त श्री छगनलाल श्रीमाली द्वारा अनुमोदित कर जारी कर दिया गया है। आयुक्त सी.ए.डी श्री छगनलाल श्रीमाली ने किसानों को सलाह दी है कि वे उपलब्ध नहरी पानी का ज्यादा से ज्यादा सदुपयोग करे।
श्रीगंगानगर, । इंदिना गांधी नहर के किसानों को गुरूवार 6 अगस्त सायं 6 बजे से 9 सितम्बर सायं 6 बजे तक लगातार चार समूह में पानी मिलता रहेगा। हनुमानगढ जोन के मुख्य अभियंता की ओर से चार समूह की बारी के भेजे गए प्रस्ताव पर सिंचित क्षेत्र विकास आयुक्त श्री छगनलाल श्रीमाली द्वारा अनुमोदित कर जारी कर दिया गया है। आयुक्त सी.ए.डी श्री छगनलाल श्रीमाली ने किसानों को सलाह दी है कि वे उपलब्ध नहरी पानी का ज्यादा से ज्यादा सदुपयोग करे।
Tags
# Hindi News
# Latest
# Rajasthan
# Rajasthan News
# report exclusive
# sriganganagar
Share This
About report exclusive news
sriganganagar
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
आपके सुझाव आमंत्रित
क्या कॉरपोरेट घरानों द्वारा चलाए जा रहे या पारिवारिक विरासत बन चुके मीडिया संस्थानों के बीच किसी ऐसे संस्थान की कल्पना की जा सकती है जहां सिर्फ पत्रकार और पाठक को महत्व दिया जाए? कोई ऐसा अखबार, टेलीविजन चैनल या मीडिया वेबसाइट जहां संपादक पत्रकारों की नियुक्ति, खबरों की कवरेज जैसे फैसले संस्थान और पत्रकारिता के हित को ध्यान में रखकर ले, न कि संस्थान मालिक या किसी नेता या विज्ञापनदाता को ध्यान में रखकर. किसी भी लोकतंत्र में जनता मीडिया से इतनी उम्मीद तो करती ही है पर भारत जैसे विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में मीडिया के वर्तमान माहौल में संपादकों को ये आजादी बमुश्किल मिलती है. वक्त के साथ-साथ पत्रकारिता का स्तर नीचे जा रहा है, स्थितियां और खराब होती जा रही हैं. अब हम निष्पक्ष व् स्वतंत्र रूप से जुड़ने का काम करने का प्रयास कर रहे हैं.
No comments:
Post a comment
इस खबर को लेकर अपनी क्या प्रतिक्रिया हैं खुल कर लिखे ताकि पाठको को कुछ संदेश जाए । कृपया अपने शब्दों की गरिमा भी बनाये रखे ।
कमेंट करे