Advertisement

Advertisement

Hindi News -खाळों को तौड़कर किसान बना रहे अवैध मोघे-नके


जगह-जगह बने मोघो से खतिग्रस्त हुए खाळे

टेल पर पहुंचने से पूर्व ही बह जाता है सिंचाई पानी

जयलाल वर्मा चारणवासी। लगभग दस साल पूर्व सरकार ने पक्के खाळो की सहायता से टेल पर खेत वालें किसानों को सिंचाई पानी पहुंचाने के उद्देश्य से करोड़ो रूपये खर्च कर पक्के  खाळे बनवाये थे। ताकी पक्के खाळे की सहायता से टेल पर स्थित खेत के किसानों को पूरा पानी मिल सके मगर पूरा  पानी टेल के कका कुछ ही दिन मिला । क्योकि  खाले निर्माण के समय सीएडी विभाग ने मुरब्बाबंदी के अनुसार निर्धारित जगहों पर मोघे (नके ) बनाये थे। लेकिन अब किसान पक्के खाळे को अपने स्वार्थ के लिए जगह-जगह मोघे बनाकर विधुत मोटरो के कनेेक्शनों को जौडकर चांदी कुट रहे है जिसका खामियाजा टेल के किसानो को भुगतना पड रहा है।

ये हैं हालात
सीएडी विभाग ने खिनानिया वितरिका के चक 6 के खाळेे निर्माण के समय मुरबाबंदी के अनुसार मोघे निर्धारित जगहों पर बनाये थे। लेकिन सीएडी विभाग की उदासीनता    के चलते किसानों ने अपने-अपने खेतों में जगह-जगह अवैध मोघे(नके)बना लिये। जिससें खाळा कमजोर हो गया। अवैध मोघे लीकेज होने से पानी व्यर्थ बहता रहता हैं किसानों ने इन पक्के खाळो को कमाई का एक साधन बना रखा हैं। खाळो के किनारें पर विद्युत मोटरें लगा रखी हैं। और नहर बंदी के दौरान किसान इन मोटरों का पानी पक्के खाळे में चला कर दूर-दूर तक  ले जा रहे हैं। इस लवणीय पानी से खाला क्षतिग्रस्त हो रहा हैं जहां मोटर का पानी खाले में पड़ता हैं। वहां लगी सीमेंट पानी में बह जाती हैं ओर खाला पानी के कटाव से टूट जाता हैं। फिलहाल स्थिती यह है कि नोहर फीडर की जसाना वितरिका व खिनानिया वितरिका के सभी खाले आधे से ज्यादा पानी के साथ बह गए है।  पानी से कुछ किसान कमाई करते हैं लेकिन टूटे खाले का खमियाजा पूरे चक के  किसानों को भुगतना पड़ता हैं। और टेल के किसानों का पानी रास्ते में ही बर्बाद हो रहा हैं।

देशी घी के भाव बिकता है पानी
खाळेे के नजदीक लगी मोटरों वाले किसान पानी बेच कर चांदी कूट रहे हैं। किसान बलदेव मनीराम,सुरजाराम ने बताया कि  टेल पर पानी ले जाने वाले किसानों से 250-300 रूपये प्रति घंटा की दर से बेच रहे हैं और मोटर चलने में मात्र बीस -पच्चीस रूपये प्रति घंटा की दर से बिजली का खर्चा आता हैं  लेकिन किसानों से दस गुना अधिक लिया जा रहा हैं और सरकार  द्वारा बनाया गया  खाळो को भी क्षतिग्रस्त कर रहे हैं। सीएडी विभाग सब कुछ जानते हुऐ भी कोई  कार्यवाहीं नहीं कर रहा हैं। किसानो ने कहा कि अगर समय रहते मोटर वाले किसानों को खाळेे में मोटर का पानी न चलाने के लिए पाबंद्व नहीं किये गये तो खाळे समाप्त हो जाएगे।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Advertisement

Advertisement