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कोरोना की रोकथाम के लिए रखा 40 हजार जांचें प्रतिदिन करने का लक्ष्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री

श्रीगंगानगर / जयपुर। चिकित्सा मंत्री डाॅ। रघु शर्मा ने बताया कि कोरोना की रोकथाम के लिए सरकार का पूरा ध्यान टेस्टिंग पर है। विभाग ने पहले 25 हजार टेस्ट प्रतिदिन करने का लक्ष्य रखा था और उसे अर्जित किया गया है। अब अगला लक्ष्य 40 हजार और प्रतिदिन करने का एक रखा गया है।
डाॅ। शर्मा ने बताया कि ज्यादा से ज्यादा हमलों द्वारा ही हम कोरोना कोलिंगित कर उसे कैन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पूरे देश में अब तक 40 लाख टेस्ट हुए हैं, जिसमें से अब तक 5 लाख 18 हजार 350 टेस्ट किए जा चुके हैं। हमारी टेस्टिंग क्षमता शून्य से 25150 तक पहुंची है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में कोबास -8800 मशीनों के आने के बाद हमारी जांच की क्षमता लगभग 40 हजार हो जाएगी। 
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि आईसीएमआर ने सिरोही जिले में जांच सुविधा देने की अनुमति दे दी है। इससे अब प्रदेश के 16 जिलों में जांच की सुविधा विकसित होगी। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में प्रदेश के सभी जिलों में जांच सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण से 100 से 75 दुरुस्त होना विभाग के लिए राहत की बात है। रिकवरी का रेशो देश के अन्य राज्यों के मुकाबले कहीं ज्यादा बेहतर है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा 10 राज्यों के तुलनात्मक अध्ययन के हर पैमाने पर मूल्यांकन अव्वल रहा है। यहां तक ​​कि केवल बात मृत्युदर की हो या रिकवरी रेशो या फिर सक्रिय केसेज पर मंन करने कीA राज्य सरकार हर मामले में अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है।
बहुत जांच होने से केवल रुकेगा संक्रमण
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गेहलोत की माइक्रोप्लानिंग और माइक्रो मैनेजमेंट से हमारी पातीजिव से नेगेटिव की रिकवरी बेहतर है और हम कोरोना को नियंत्रित कर पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि लाकडाउन के समय का विभाग ने पूरी तरह से सदुपयोग कर स्वास्थ्य के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने का काम किया है।] उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग की जाएगी। ऐसे में पाजिटिव केसेज की क्षमता बढ़ सकती है, लेकिन हम उन्हें समय रहते आइसोलेट, क्वारंटाइन कर उपचार करेंगे तो उनके सुधार होने की संभावना बहुत बढ़ जाएगी। 
'शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना जागरूता अभियान 21 जून से
डाॅन शर्मा ने कहा कि कोरोना महामारी के प्रति जागरुकता लाने के लिए 21 से 30 जून तक प्रदेश भर में जागरुकता अभियान शुरू होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना से लडाई लंबी चल रही है, ऐसे में व्यापक रूप से लोगों में जागरुकता लाकर ही उन्हें संक्रमण से मुक्त कर रहे हैं। हालांकि शहरों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी खासी जागरूकता आई है। लोग अब फ़ंक्शन लगाने लगे हैं और बार-बार हाथ धोने लगे हैं और सभी लोगों को बरत रहे हैं। फिर भी किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होने के कारण यह प्रभावी रहेगा।  
बच्चे-बुजुर्ग और गंभीर बीमार होना
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना सबसे ज्यादा प्रभाव कमजोर इम्यूनिटी वालों पर पड़ता है। ऐसे में 10 साल से कम और 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को थोड़ी सावधानी बरतने की जरूरत है। साथ ही गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों को भी पूरी तरह स्वस्थ रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि युवा और बेहतर इम्यूनिटी वाले लोगों के रिकवर होने की संभावना ज्यादा होती है। 

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