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आपदा प्रबंधन के लिये संबंधित विभाग पूर्व तैयारी रखें किसी भी विपरीत परिस्थिति से निपटने के लिये टीम वर्क आवश्यक

  • अत्यधिक वर्षा के समय पानी निकासी के लिये पम्प सैटों का प्रबंध करना, मृत पशुओं, मलबा, कचरा आदि को हटाने एवं सुरक्षात्मक स्वास्थ्य उपाय सुनिश्चित किये जाये। 
  • पुलिस विभाग, होमगार्ड व आरएसी की प्रशिक्षित व अन्य कम्पनियां तैयार रखेगें।
श्रीगंगानगर। जिला कलक्टर श्री शिवप्रसाद एम. नकाते ने कहा कि दक्षिणी पश्चिमी मानसून वर्ष 2020 जून माह में सक्रिय होने की संभावना को देखते हुए आपदा प्रबंधन से जुड़े समस्त विभाग आपसी तालमेल के साथ अपनी-अपनी तैयारियां पूर्ण रखेंगें। आपदा से पूर्व निपटने की पूरी तैयारी व संसाधन तैयार रखे जाये। 
जिला कलक्टर मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभाहाॅल में आपदा प्रबंधन को लेकर आयोजित जिला स्तरीय बैठक में आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि किसी भी आपदा से निपटने के लिये पूर्व में की गई तैयारी बहुत कारगर होती है तथा आपदा से भली प्रकार से निपटा जा सकता है। उन्होंने सेना के अधिकारियों से कहा कि किसी भी विपरीत परिस्थिति में आपदा से निपटने के लिये आपदा राहत दल तैयार रहें तथा सूचना मिलने के बाद कम से कम समय में राहत दल पहुंचना चाहिए। 
जिलेा कलक्टर ने मौसम विभाग के अधिकारियों को स्थायी नियंत्रण कक्ष स्थापित करने तथा मानसून की गतिविधियों को नियमित दैनिक रूप से जिला कलक्टर कार्यालय को उपलब्धव करवाने के निर्देश दिये। वर्षा, बाढ़ इत्यादि की संभावना व चेतावनी की जानकारी निरन्तर मिलती रहें। सिंचाई विभाग जिले में नहरी तंत्र को मजबूत रखने के लिये अपनी कार्य योजना तैयार रखेगें तथा आवश्यक संसाधन, नाव, रक्षा पेटियां, रस्सा, मशाल व टाॅर्च इत्यादि की व्यवस्था रखेंगें। वर्षा के समय नहरों, बांधों आदि पर निरन्तर भ्रमण जारी रखेगें तथा आने वाले संकट के विषय में अग्रिम चेतावनी देने का कार्य करेंगें। 
इसी प्रकार पेयजल विभाग अपना नियंत्रण कक्ष के साथ-साथ पेयजल की व्यवस्था व पेयजल स्त्रोतों के क्लोरीनेशन की समुचित व्यवस्था की जाये, जिससे दूषित पेयजल जनित बिमारियां फैलने की संभावना न रहें। खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग उचित मूल्य की दुकानों पर गेहूं, केरोसीन, अन्य खाद्य सामग्री के भण्डारण व उनके वितरण की व्यवस्था सुनिश्चित करेगें। स्थानीय निकाय शहर की सड़कों की मरम्मत व नालों की सफाई 15 जून 2020 तक कर लेवें। निचले स्तर से प्रभावित व्यक्तियों, बस्तियों को उंचे क्षेत्रों में अस्थाई रूप से रहने के लिये धर्मशाला, सार्वजनिक स्थल चिन्हित किये जाये। अत्यधिक वर्षा के समय पानी निकासी के लिये पम्प सैटों का प्रबंध करना, मृत पशुओं, मलबा, कचरा आदि को हटाने एवं सुरक्षात्मक स्वास्थ्य उपाय सुनिश्चित किये जाये। 
जिला कलक्टर ने कहा कि जिले के सभी स्थानीय निकाय, ग्रामीण विकास विभाग किसी भी आपदा से निपटने के लिये अपनी पूरी तैयारी रखेगें। श्रीगंगानगर शहर में नगरपरिषद व नगरविकास न्यास आपसी समन्वय के साथ अत्यधिक जल भराव के समय तीव्र गति से कार्य कर आमजन को राहत देगें तथा जल निकासी के लिये पम्प सैट एवं अन्य संसाधन तैयार रखे जाये। 
उन्होंने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग मौसमी बिमारियों के उपचार के लिये अपनी कार्य योजना बनायेगें। भारत संचार निगम किसी भी आपदा की स्थिति में संचार अबाधित रखने की व्यवस्था करेगें। आवश्यकता पड़ने पर मोबाईल टाॅवर स्थापित किये जा सकते है। डाक एवं तार विभाग जल भराव, बाढ़ के दौरान टेलीग्राफ व पोस्टल व्यवस्था हेतु विशेष व्यवस्था रखेगें। पुलिस विभाग, होमगार्ड व आरएसी की प्रशिक्षित व अन्य कम्पनियां तैयार रखेगें। पर्याप्त मात्रा में तैराक एवं नावों की व्यवस्था तथा गोताखोरों की उपलब्धता सुनिश्चित करेगें। जीवन रक्षक यंत्र जैकेट, रस्सें, टाॅर्च, संचार तंत्र, कानून व्यवस्था की उपलब्धता सुनिश्चित करेगें। 
विधुत विभाग बाढ़ की स्थिति में विधुत व्यवस्था सुचारू रखेगें तथा किसी प्रकार का विधुत व्यवधान आने पर तत्काल दुरस्त करने के लिये टीम तैयार रखेगें। पशुपालन विभाग बाढ़ के समय पशुओं में फैलने वाली बिमारियों के उपचार के लिये पर्याप्त दवाएं रखेगें। इसी प्रकार सार्वजनिक निर्माण विभाग व नागरिक सुरक्षा विभाग किसी भी आपदा से निपटने के लिये पूर्व तैयारी के साथ अपना प्लान तैयार रखेगें। 
बैठक में एडीएम प्रशासन डाॅ. गुंजन सोनी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री महावीर सिंह राजपुरोहित, एडीएम सर्तकता श्री अरविन्द जाखड़, न्यास सचिव डाॅ. हरितिमा, सीएमएचओ डाॅ. गिरधारी लाल, अधीक्षण अभियंता पेयजल श्री बलराम शर्मा, अधीक्षण अभियंता विधुत श्री जे.एस.पन्नू सहित सेना के अधिकारी व आपदा राहत से जुड़े विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। 

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