लखनऊ। ट्रेन हादसे में अपना पैर गंवाने के बाद पिछले सात साल से मुआवजे के लिए लड़ रहीं विश्व रिकॉर्डधारी पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा को अंतत कानूनी लड़ाई में जीत मिल गयी है। रेलवे दावा अधिकरण की लखनऊ पीठ ने रेलवे को उन्हें क्षतिपूर्ति की रकम ब्याज सहित अदा करने का आदेश दिया है।
अरुणिमा के वकील जानकी शरण पाण्डेय ने आज '' बताया कि रेलवे दावा अधिकरण की लखनऊ पीठ ने रेलवे को आदेश दिया है कि वह वादी को 7.20 लाख रुपये मुआवजे के तौर पर दे। यह धनराशि एक जनवरी 2017 से छह प्रतिशत ब्याज पर देनी होगी।
उन्होंने बताया कि अधिकरण ने यह आदेश 22 दिसम्बर, 2017 को जारी किया था, मगर उन्हें इसकी प्रति हाल ही में प्राप्त हुई है।
अधिकरण के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए अरुणिमा ने इसे 'देर आये, दुरुस्त आये' जैसा करार दिया। पर्वतारोही ने कहा कि रेलवे ने उन्हें अपना वैध यात्री मानने से ही इनकार कर दिया था और कहा था कि वह अपनी गलती से ट्रेन से नीचे गिरी थीं। उसके इस दावे के विरोध में सभी सुबूत पेश होने के बाद रेलवे ने अपनी गलती स्वीकार कर ली।
मालूम हो कि वॉलीबॉल खिलाड़ी रहीं अरुणिमा 11 अप्रैल 2011 को पद्मावत एक्सप्रेस से दिल्ली जा रही थीं। रास्ते में बरेली स्टेशन से पहले कुछ बदमाशों ने उनसे लूटपाट की कोशिश की थी, जिसका विरोध करने पर उन्हें ट्रेन से नीचे फेंक दिया था। पटरी पर गिरने की वजह से दूसरी तरफ से आ रही ट्रेन की चपेट में आकर उनका बायां पैर बुरी तरह जख्मी हो गया था। अरुणिमा को दिल्ली एम्स ले जाया गया था, जहां उनका पैर काटना पड़ा था।
अरुणिमा के वकील जानकी शरण पाण्डेय ने आज '' बताया कि रेलवे दावा अधिकरण की लखनऊ पीठ ने रेलवे को आदेश दिया है कि वह वादी को 7.20 लाख रुपये मुआवजे के तौर पर दे। यह धनराशि एक जनवरी 2017 से छह प्रतिशत ब्याज पर देनी होगी।
उन्होंने बताया कि अधिकरण ने यह आदेश 22 दिसम्बर, 2017 को जारी किया था, मगर उन्हें इसकी प्रति हाल ही में प्राप्त हुई है।
अधिकरण के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए अरुणिमा ने इसे 'देर आये, दुरुस्त आये' जैसा करार दिया। पर्वतारोही ने कहा कि रेलवे ने उन्हें अपना वैध यात्री मानने से ही इनकार कर दिया था और कहा था कि वह अपनी गलती से ट्रेन से नीचे गिरी थीं। उसके इस दावे के विरोध में सभी सुबूत पेश होने के बाद रेलवे ने अपनी गलती स्वीकार कर ली।
मालूम हो कि वॉलीबॉल खिलाड़ी रहीं अरुणिमा 11 अप्रैल 2011 को पद्मावत एक्सप्रेस से दिल्ली जा रही थीं। रास्ते में बरेली स्टेशन से पहले कुछ बदमाशों ने उनसे लूटपाट की कोशिश की थी, जिसका विरोध करने पर उन्हें ट्रेन से नीचे फेंक दिया था। पटरी पर गिरने की वजह से दूसरी तरफ से आ रही ट्रेन की चपेट में आकर उनका बायां पैर बुरी तरह जख्मी हो गया था। अरुणिमा को दिल्ली एम्स ले जाया गया था, जहां उनका पैर काटना पड़ा था।
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