श्रीगंगानगर (विनोद सोखल)। ई-मित्र संचालकों ने विद्युत बिल जमा करवाने के लिए आने वाले उपभोक्ताओं को कम्प्यूटर की फर्जी रसीद थमाकर बिल की राशि जेब में डाल ली। इस तरह एक दर्जन से अधिक उपभोक्ताओं को धोखाधड़ी का शिकार होना पड़ा है। अब जोधपुर विद्युत वितरण निगम के सहायक अभियन्ता ने दोनों ई-मित्र संचालकों के खिलाफ राशि जमा करवाने और उसका लाइसेंस निरस्त करने की अनुशंसा की है। विद्युत निगम उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करवाएगा।
सहायक अभियन्ता ने डिस्कॉम के लेखाधिकारी को लिखा है कि यह सरेआम गबन का मामला बनता है। सहायक अभियंता ने एक दर्जन से अधिक उपभोक्ताओं के नाम और उनसे वसूली गई राशि का विवरण रिपोर्ट में दर्ज किया है। उपभोक्ताओं से ली गई राशि को विद्युत निगम के खाते में जमा नहीं करवाया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार5 पी. कोनी के ई मित्र संचालक सुखवन्त सिंह ने उपभोक्ता नारायण सिंह से 5598 रुपये, रामप्रताप से 3546 रुपये, चानणरामसे 5924 रुपये, मोतीराम 7 एफ से 3337 रुपये, उत्तमी बाई चक 6 एफ से 3777 रुपए, सुरेन्द्र छाबड़ा से 7903, दलीप से 2674 रुपये ले लिए लेकिन बिल जमा नहीं किया। ई-मित्र संचालक सुखवन्त सिह ने उपभोक्ता भागीरथ से 4 हजार रुपये, शंकर लाल से 13 सौ रुपये, धर्मवीरसे 2300 रुपये, जोगेन्द्र सिंह से 4000 रुपये, किशनलाल से 4552 रुपये, किशन लाल से 4238 रुपये लिए लेकिन यह राशि बिल के पेटे मेंं जमा नहीं किए और उन्हें फर्जी कम्प्यूटर रसीद उन्हें थमा दी। उधर, 3 क्यू, दौलतपुरा के ई-मित्र संचालक ने लूणाराम से 22 अगस्त 2017 को 1475 रुपये लिये और 21 सितम्बर 2017 को 1280 रुपये जमा कर रबड़ रसीद पर दे दी।
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