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श्रीगंगानगर:-मीडिया से डरा प्रशासन व सीएम!किसानों के विरोध के बीच वसुंधरा का जनसंवाद कार्यक्रम जारी


राजस्थान सीएम पहुंची श्रीगंगानगर, विभिन्न संगठनों में किया स्वागत
डॉक्टर,व्यपारियो, इंजीनियरो ने भी रखी समस्याएं
रिपोर्ट एक्सक्लूसिव,श्रीगंगानगर।(कुलदीप शर्मा) सूरतगढ़ के बाद राजस्थान सीएम का श्रीगंगानगर आगमन विरोधों के बीच मे शुरू हुआ। किसानों ने कल सूUरतगढ़ थर्मल पर भी सीएम से मिने का दबाब मनाया था जिसके बाद पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करते हुए किसानों को मौके से खदेड़ा गया था। आज भी किसानों ने सीएम से मिलने का दबाब बनाया हुआ है। किसानों के विरोध के बावजूद भी राजस्थान सीएम के जनसंवाद कार्यक्रम पर कोई असर नहीं पड़ा है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजामो के साथ मुख्यमंत्री का कार्यक्रम अभी तक जारी है जो कि देर रात तक चलेगा।


विभिन्न मांगों को लेकर किसानों का विरोध,पुलिस ने कड़े किये इंतजाम
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अपनी विभिन्न मांगों को लेकर किसान संगठनों ने आज कलेक्ट्रेट पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया सुबह से ही किसान महाराजा गंगा सिंह चौक पर इकट्ठे होने शुरू हो गए थे विभिन्न तहसीलों से ट्रैक्टर-ट्रालियों और बसों से पहुंचे किसानों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते हुए कहा कि वे आज अपनी मांग मनवा कर रहेंगे एक तरफ जहां सूरतगढ़ रोड पर स्थित केलम रिसोर्ट में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जनसंवाद कर रही थी तो दूसरी ओर राजे का विरोध किया जा रहा था किसान नेताओं ने कहा कि आज पुलिस ने अनेक जगह किसानों के वाहनों के हैं काफी संख्या में किसान तो बाईपास से पैदल ही गंगा सिंह चौक पहुंचे किसानों की उपस्थिति को देखते हुए पुलिस ने भी सुरक्षा के तगड़े इंतजाम कर रखे हैं कई मुख्य मार्गों पर बैरिकेटिंग की गई है गंगानगर किसान समिति के संयोजक रणजीत सिंह राजू प्रवक्ता संत वीर मोहनपुरा किसान संघर्ष समिति के प्रवक्ता सुभाष सहगल साधुवाली से किसान नेता अमर सिंह विश्नोई अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय कौंसिल सदस्य शो पतराम राम मेघवाल जिलाध्यक्ष कालू थोरी गैलेक्सी बराड़ सहित काफी संख्या में नेताओं ने कहां की किसान सरस और चने की ऑफलाइन खरीद चाहता है लेकिन सरकार ऐसा नहीं कर रही है गेहूं पर ₹265 बोनस देने की मांग है उसे भी नहीं माना गया चार बार वार्ता कर ली गई है लेकिन सरकार किसानों को गुमराह करके आंदोलन को समाप्त करना चाहती है।


इधर किसानों को प्रशासन ने दिया वार्ता का न्यौता,जिला कलेक्टर जनसंवाद में व्यस्त
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जानकारी के अनुसार किसानों के विरोध के देखते हुए प्रशासन ने अपने आप को विवादों से अलग करने के चलते अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रशासन वीरेंद्र वर्मा ने किसानों को वार्ता के लिए बुलाया है। हालांकि इस वार्ता में जिला कलेक्टर ज्ञानाराम व अन्य अधिकारी उपस्थित नहीं रहेंगे क्योंकि वह मुख्यमंत्री जनसंवाद कार्यक्रम में व्यस्त हैं। अब वार्ता में किसानों की मांगों को कितना गम्भीरता से लिया जाएगा ये तो आने वाला समय ही बता पायेगा। समाचार लिखे जाने तक किसानों से वार्ता के लिए प्रयास किया जा रहा था। जिसका कोई परिणाम सामने नहीं आया था।

डॉक्टर,व्यापारी,इंजीनियर संगठनों ने भी रखी समस्याएं
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राजस्थान सीएम के श्रीगंगानगर आगमन पर के किसानों ने ही नहीं अपितु डॉक्टरों,इंजीनियरों व व्यपारियो ने भी अपनी समस्याओं से राजस्थान सीएम को अवगत करवाया। राजस्थान सीएम से वार्ता करते हुए विभिन्न संगठनों ने अपने-अपने क्षेत्र में आ रही विभिन्न समस्याओं पर चर्चा करते हुए जल्द ही समस्याओं का निदान करवाने का आग्रह किया। जिसको लेकर राजस्थान सीएम ने भी समस्याओं को जल्द ही समाधान करवाने की बात कही है।

2700 लोगो से 7 चरणों मे शुरू हुआ जनसंवाद
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श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय पर पहुंची राजस्थान सीएम द्वारा किया जा रहा जनसंवाद कार्यक्रम को करीबन 7 चरणों मे विभाजित किया गया है। जानकारी के अनुसार 2700 लोगो से सात चरणों मे मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जनसंवाद करते हुए लोगो से मुलाकात करेगी। जानकारी के अनुसार जनसंवाद कार्यक्रम करीबन रात 8 बजे तक चलेगा। जिसमे प्रत्येक चरण को 45 से 50 मिनट दिए गए हैं अपनी समस्याएं व स्वागत के लिए। समाचार लिखे जाने तक पहले चरण का जनसंवाद पूरा हो गया था। अब 6 चरण ओर बाकी है जिसमे बीजेपी पदाधिकारियों,कार्यकर्ताओ से लेकर आमजन मौजूद रहेंगे।

मीडिया पास महज दिखावा,जनसंवाद कार्यक्रम में नो एंट्री!
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मुख्यमंत्री वसुधरा राजे के आने के चलते सभी मीडिया कर्मियों के पास बनाये गए थे।जो महज दिखावा बन कर रह गए। डरे प्रशासन व राजस्थान सीएम ने मीडिया कर्मियों को जनसंवाद कार्यक्रम के बाहर ही रोके रखा। अंदर जाने के लिए पास होने के बावजूद भी पत्रकारों को जनसंवाद कार्यक्रम के बाहर रोके रखा। तो वहीं जनसंवाद कार्यक्रम में मौजूद होकर लौट रहे व्यक्तियों  को भी जल्दबाजी से अलग ही तरीके से बाहर तक छोड़ दिया जाता था। ताकि मीडिया वाले उनसे रूबरू ना हो सके। मीडिया से घबराए प्रशासन ने पत्रकारों की दूरी से साफ कर दिया कि मीडिया की अपनी साख के चलते बड़े-बड़ो को हिला रखा है।

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