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व्यय की दृष्टि से दो विधानसभा संवेदनशील गंगानगर व करणपुर विधानसभा क्षेत्र में 6-6 एफएसटी दल लगायेः- जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीगंगानगर



श्रीगंगानगर। जिला कलक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी ज्ञानाराम ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने गंगानगर व सादुलशहर विधानसभा को व्यय की दृष्टि से संवेदनशील माना है। इसी बात को दृष्टिगत रखते हुए सभी विधानसभा क्षेत्र में तीन-तीन फ्लाईंग स्कोड लगाये है जबकि संवेदनशील विधानसभा में 6-6 टीमें एफएसटी की लगाई गई है।
यह जानकारी जिला कलक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ज्ञानाराम ने मंगलवार को सूचना केन्द्र में आयोजित मीडिया ब्रिफिंग के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लगाये गये पांच सामान्य पर्यवेक्षक, दो व्यय पर्यवेक्षक, एक सुरक्षा पर्यवेक्षक श्रीगंगानगर जिले में लगाये गये है तथा उनके द्वारा जिस स्थान व समय पर चुनाव से संबंधित शिकायतें सुनी जायेगी, उसका कार्यक्रम भी जारी कर दिया गया है।
चुनाव की दृष्टि से सिविजल ऐप बहुत उपयोगी
जिला कलक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी ज्ञानाराम ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने पहली बार सीविजिल ऐप की शुरूआत की है। यह ऐप आदर्श आचार संहिता व चुनाव कार्य में बड़ी भूमिका निभाने में मद्दगार बनेगा। इस ऐप पर कोई भी नागरिक किसी तरह की शिकायत फोटो व विजुअल सहित अपलोड कर सकता है। निर्धारित समय व निर्धारित प्रक्रिया के तहत संबंधित शिकायत का निस्तारण होगा। इस ऐप में अधिकतम 100 मिनट में शिकायत की कार्यवाही की जाकर समस्या का निस्तारण किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि इस ऐप को कोई भी नागरिक डाउनलोड कर सकता है तथा अपने आसपास चुनाव कार्यों से संबंधित किसी प्रकार की आदर्श आचार संहिता का उल्लघंन या मतदाताओं को प्रलोभन इत्यादि की फोटो अपलोड की जा सकती है। इस ऐप को खोलने पर सर्वप्रथम सिटीजन लिखा होगा वह आमजन के लिये है, जिसका वह उपयोग कर सकते है। इस ऐप में कम से कम एक व अधिकतम 10 फोटो व 2 मिनट के विजुअल अपलोड किये जा सकते है। इस एप की विशेषता यह है कि इसमें पुराने फोटो व विडियों अपलोड नही किये जा सकते।
सीविजिल ऐप में सीटिजन के बाद जिला नियंत्रक का ऑपशन होगा। इसके पश्चात इन्वेसटिगेटर का ऑपशन है, जिसे फ्लाईंग स्कोड द्वारा ऑपरेट किया जायेगा। इसमें 30 मिनट का समय रहेगा। इसके पश्चात डिसाईडर का ऑपशन होगा, जिसे संबंधित रिटर्निंग अधिकारी ऑपरेट करेगें। इसके लिये निर्धारित समय रहेगा। आरओ के पश्चात ऑबर्जवर ऑपशन है, जो चुनाव पर्यवेक्षकों के लिये है तथा अंत में मॉनिटर का ऑपशन दिया गया है, जिसे भारत निर्वाचन आयोग, राज्य निर्वाचन विभाग तथा जिला निर्वाचन अधिकारी के लिये रहेगा।
इस ऐप में कही भी मतदाताओं के लिये धनराशि, उपहार, मदिरा का वितरण हो रहा हो, बिना मंजूरी के वाहन चुनाव में लगे हो, बिना मंजुरी के बैनर पोस्टर, पेड न्यूज या मतदाताओं को मतदान के लिये परिवहन कर रहे हो, तथा मतदान केन्द्र के 200 मीटर के दायरे में कोई चुनावी गतिविधि हो तो उसकी फोटो व मूवी सीविजल पर अपलोड की जा सकती है। अपलोड करने वाले नागरिक को संबंधित प्रकरण में क्या हुआ, की जानकारी मिलती रहेगी।
ई-पेपर, एसएमएस व प्रचार विडियों का प्रीसर्टिफिकेशन जरूरी
उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार चुनाव के दौरान राजनैतिक प्रवृति के विज्ञापनों को ई-पेपर पर प्रकाशन से पूर्व अधिप्रमाणन करवाना जरूरी होगा। पूर्व अनुमति के बाद ही ई-पेपर में राजनैतिक प्रवृति के विज्ञापन प्रकाशित किये जा सकते है। इनके अलावा सोशल मीडिया पर एसएमएस प्रचार के विडियों का अधिप्रमाणन करवाना होगा।
किसी भी समाचार पत्रा के किसी भी संस्करण के ई-पेपर में यदि राजनैतिक प्रवृति का कोई विज्ञापन प्रसारित किया जाता है तो भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार प्रसारण से पूर्व सक्षम समिति से विज्ञापन का अधिप्रमाणन करवाया जाना अनिवार्य है। किसी समाचार पत्रा प्रकाशन के किसी संस्करण के ई-पेपर में राजनैतिक प्रवृति का कोई विज्ञापन प्रसारित करते है, तो संबंधित अभ्यर्थी, राजनैतिक दल से सक्षम स्तर पर गठित समिति द्वारा प्राप्त की गई अधिप्रमाणन की प्रति लेना सुनिश्चित करेगें।
इस अवसर पर राजस्व अपील अधिकारी कन्हैया लाल स्वामी, जिला एवं सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी रामकुमार पुरोहित मीडिया के प्रतिनिधि उपस्थित थे। 

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