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जिला कलक्टर ने सभी एसडीएम को खातेदारी देने के दिये निर्देश जिले में 7782 मामले है लम्बित

 राज्य सरकार के निर्देशानुसार खातेदारी के लिये अभियान जारी

जिला कलक्टर ने सभी एसडीएम को खातेदारी देने के दिये निर्देश
जिले में 7782 मामले है लम्बित

श्रीगंगानगर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने 13 जनवरी 2021 को वीसी ली थी, जिसमें सभी जिला कलक्टर्स को कृषि भूमि की गैर खातेदारी से खातेदारी देने के संबंध में निर्देश प्रदान किये थे। जिला कलक्टर श्री महावीर प्रसाद वर्मा ने शिविर लगाकर सभी उपखण्ड अधिकारियों को जिले के 7782 मामलों में, जिनमें राज्य सरकार के परामर्श की आवश्यकता नहीं हो, के तहत खातेदारी देने के निर्देश प्रदान किये है। सभी उपखण्ड अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र के मामलें चिन्हित कर निर्देशानुसार अभियान चला रहे है।
जिला कलक्टर श्री महावीर प्रसाद वर्मा ने समस्त काश्तकारों से अपील की है कि जिन गैर खातेदारों को खातेदारी नहीं मिली है, वे चाहे गये दस्तावेज लेकर अपने-अपने क्षेत्र के उपखण्ड अधिकारी द्वारा चलाये जा रहे शिविर में उपस्थित होकर इन शिविरों का लाभ उठायें। गैर खातेदारी से खातेदारी देने के इन मामलों में अलग-अलग प्रकरण सामने आये, जिनमें जिला कलक्टर के निर्देशानुसार कार्यवाही की जा रही है, ऐसे मामलों में जिनमें भूमि की मूल किश्तों की राशि बकाया होने पर जमाबंदी में दर्ज ऐसे गैर खातेदार जिन्हें भूमि आवंटित है व सेल रजिस्टर में खाता संधारित है और रकबा खारिज नहीं है, परन्तु भूमि मूल्य की राशि जमा नहीं है, मौके पर कब्जा काश्त है, उसे राशि जमा करवाकर खातेदारी प्रदान की जा सकती है। ऐसे प्रकरणों में गंगनहर, आईजीएनपी व भाखड़ा आवंटन नियमों के अंतर्गत भूमि मूल्य जमा होने पर तहसीलदार से निर्धारित प्रपत्र में खातेदारी सनद प्रस्ताव प्राप्त कर राजस्थान उपनिवेशन के नियमों के तहत खातेदारी दी जा सकती है।
आवंटी के नाम व रकबा में अंतर होने पर जमाबंदी में दर्ज ऐसे गैर खातेदार जिनका नाम आवंटन आदेश व जमाबंदी में भिन्न-भिन्न है, ऐसे प्रकरणों में आवंटन अधिकारी आवंटी से साक्ष्य प्राप्त कर अभिलेख में संशोधन कर निस्तारण करने में सक्षम है। गैर खातेदार के नाम आवंटन से अधिक रकबा होने पर रकबे की किश्ते जमा करवाकर अधिक रकबा राज किया जा सकता है। आवंटी की सीलिंग सीमा तक डीएलसी दर से राशि जमा करवाकर खातेदारी दी जा सकती है।
अनकमाण्ड से कमाण्ड में अन्तर राशि जमा के अभाव में राजस्थान उपनिवेशन नियमों में स्पष्ट प्रावधान है कि अनकमाण्ड आवंटित भूमि कमाण्ड हो जाती है, तो सिंचाई विभाग से रिपोर्ट प्राप्त कर रकबा कमाण्ड होने की दिनांक को संबंधित प्रयोजना में लागू कमाण्ड की दर से भूमि की कीमत की गणना पूर्व में जमा राशि कम कर अंतर राशि जमा करवाकर खातेदारी दी जा सकती है।
10 गुणा के प्रकरणः-तहसील अनूपगढ, विजयनगर, घडसाना में उपनिवेशन आईजीएनपी क्षेत्र नियम 1975 लागू होने से पूर्व राजस्थान भूमि सुधार एवं जागीर पुनग्रहण अधिनियम 1952 की धारा 12 के अंतर्गत ऐसे काश्तकार जो इस अधिनियम के तहत लगान का 10 गुणा राशि जमा करवाने पर ऐसी भूमि के काश्तकारों को खातेदारी अधिकार दिये गये थे। राज्य सरकार की अधिसूचना के अनुसार खरीदारों के खातेदारी अधिकार देने हेतु उपनिवेशन नियम 1975 के नियम 21 ए में संशोधन किया गया। किसान खुद काश्त कर रहा है, सीलिंग सीमा के अधीन रहते हुए रिर्जव प्राईज का 25 या 50 प्रतिशत भूमि मूल्य जमा करवाने की आवंटन सलाहाकार समिति की अनुशंषा पर पूर्व जमा राशि का समायोजित कर बकाया राशि जमा कर खातेदारी दी जा सकती है।
कस्टोडियन भूमि की खातेदारी प्रदान करने के संबंध में श्रीगंगानगर जिले के उपखण्ड क्षेत्रों से संबंधित निष्क्रान्त कृषि भूमि के प्रकरण आईजीएनपी में विचाराधीन है। यदि भूमि पर स्वयं आवंटी अथवा उसके वारिसान काबिज है और वर्तमान में गंगनहर बकाया प्रकरण या किसी न्यायालय में विचाराधीन, स्थगन नहीं है एवं समस्त बकाया राशि जमा होने पर ऐसे प्रकरणों में नियमानुसार खातेदारी सनद जारी की जा सकती है।
ऐसे प्रकरण जिनमें मूल आवंटियों ने खातेदारी अधिकार प्राप्त होने से पूर्व ही भूमि का बैचान औपचारिक/अनौपचारिक तरीके से किसी अन्य को कर दिया है और मोके पर मूल आवंटी के बजाय अन्य व्यक्ति काबिज है, ऐसे प्रकरणों में राजस्व पुर्नवास विभाग के आदेशानुसार राजस्थान भू राजस्व निष्क्रान्त कृषि भूमियों का स्थाई आवंटन नियम 1963 के नियम 5,6,7 के उल्लंघन में किये गये अवैध विक्रय के प्रकरणों में नियम 5ए अवैध विक्रय के प्रकरणों में नियमन का प्रावधान है। उपखण्ड क्षेत्र में अवैध विक्रय के प्रकरणों में जिन आवंटियों, वारिसान द्वारा रकबा जरिये आवंटन सलाहाकार समिति की राय अनुसार यदि किसी न्यायालय, स्थगन, कोई कानूनी अड़चन नहीं है, समस्त बकाया राशि जमा है तो नियमन की कार्यवाही की जा सकती है।
गैर खातेदार इस आवंटन से संबंधित किसी प्रकार के दस्तावेज मूल आवंटन आदेश, राशि जमा कराने की रसीद, मृत्यु प्रमाण पत्र, वारिसनामा या अन्य कोई इससे संबंधित दस्तावेज हो तो उसे लेकर संबंधित एसडीएम कार्यालय में खातेदारी के लिये सम्पर्क किया जा सकता है।

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