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महाराजा गंगासिंह मेमोरियल का कार्य पूर्णता की ओर जिला कलक्टर ने कार्य प्रगति देखी

श्रीगंगानगर। महाराजा गंगासिंह मेमोरियल का कार्य रफ्तार पकड़ चुका है। धनतेरस के शुभ मुहूर्त पर इस स्मारक के नींव रखी गई थी तब से अब तक यह काम अनवरत रूप से चालू है। जिला कलक्टर श्री महावीर प्रसाद वर्मा ने कहा था कि वे कम से कम समय में इस जिले को पर्यटन की एक सौगात देंगे और यह वादा अब पूर्णता की ओर है। कहते हैं कि किसी काम को शुरू करना कठिन होता है और उसे पूरा करना और भी कठिन होता है परंतु महाराजा गंगासिंह के स्मारक को बनाते हुए मेहनत के साथ सभी की भावनाएं भी जुड़ीं और यह कार्य समय पर पूरा होगा।

 जिला कलक्टर ने मंगलवार को एडीएम प्रशासन भवानी सिंह व पीडब्लूडी के अधीक्षण अभियंता सुमन मिनोचा के साथ शिवपुर हेड का दौरा कर कार्य प्रगति को देखा। जिला कलक्टर श्री वर्मा ने बताया कि मार्च में यह स्मारक पूर्ण होगा तथा फरवरी माह में स्टैच्यू लगने का काम भी पूरा हो जाएगा। उन्होंने बताया कि फिलहाल चार दीवारी का काम चल रहा है और फिनिशिंग लगभग कम्पलीट हो चुकी है। इसके साथ ही धौलपुर से लाल पत्थर मंगाया जाकर चैरस टाइल्स के रूप में लगाया जा रहा है।
 जिला कलक्टर श्री वर्मा ने लगभग हर हफ्ते इस स्मारक का दौरा किया व इसे बनाने के लिए सभी तरह की व्यवस्थाएं सुनिश्चित कीं। महाराजा गंगासिंह के इतिहास से बहुत लोग परिचित होंगे परन्तु आवश्यकता है कि नई पीढ़ी भी उनके विषय में जानें। महाराजा गंगा सिंह 3 अक्तूबर 1880 को जन्मे बीकानेर रियासत के महाराजा थे। उन्हें आधुनिक सुधारवादी महाराज के रूप में याद किया जाता है। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ’’ब्रिटिश इम्पीरियल वार‘‘ केबिनेट के वे अकेले गैर-अंग्रेज सदस्य थे। श्रीगंगानगर शहर के विकास को भी उन्होंने प्राथमिकता दी और यहां कई निर्माण करवाए। बीकानेर को जोधपुर शहर से जोड़ते हुए रेलवे के विकास और बिजली लाने की दिशा में भी वे बहुत सक्रिय रहे। जेल और भूमि.सुधारों की दिशा में इन्होंने नए कानून लागू करवाए।
 उन्होंने ही नगरपालिकाओं के स्वायत्त शासन सम्बन्धी चुनावों की प्रक्रिया शुरू की, और राजसी सलाह-मशविरे के लिए एक मंत्रिमंडल का गठन भी किया। 1933 में लोक देवता रामदेवजी की समाधि पर एक पक्के मंदिर के निर्माण का श्रेय भी इन्हें है। श्रीगंगानगर की सभी ग्राम पंचायतों का नाम इन्हीं की वंशावली के आधार पर रखा हुआ है। पंजाब की सतलुज नदी का पानी गंगकनाल के जरिये इतने सूखे प्रदेश तक लाना और नहरी सिंचित-क्षेत्र में किसानों को खेती करने और बसने के लिए मुफ्त जमीनें देना इनके नेक कार्यों में शामिल है। अपनी सरकार के कर्मचारियों के लिए जीवन-बीमा योजना लागू की जो पहले किसी ने नहीं सोचा था। उन्होंने निजी बैंकों की सेवाएं आम नागरिकों को भी मुहैय्या करवाईं और पूरे राज्य में बाल-विवाह रोकने के लिए शारदा एक्ट कड़ाई से लागू किया।
 जिला कलक्टर श्री महावीर प्रसाद वर्मा ने इनके इतिहास से परिचित होने के बाद ही इस स्मारक को बनाने का निश्चय किया था और शीघ्र ही इसे जनता को समर्पित किया जाएगा

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