रिपोर्ट एक्सक्लूसिव,हनुमानगढ़। वन विभाग द्वारा अनुभवी श्रमिकों केा सामायोजित एवं नियमित रोजगार देने के क्रम में 6 सूत्री मांग पत्र को लेकर वन श्रमिक एकता संघ के अस्थाई वन श्रमिकों का द्वारा वन विभाग कार्यालय के समक्ष जारी अनिश्चितकालीन धरना मंगलवार को दूसरे दिन वार्ता के बाद समाप्त हो गया। 5 मार्च के बाद विभिन्न रेंजों में अस्थाई वन श्रमिकों को काम देने पर सहमति बन गई।
इसके अलावा आज धरने को डीवाईएफआई कायकर्ताओं ने समर्थन दिया। आज दोपहर बाद श्रमिकों को वन विभाग कार्यालय में जब वार्ता के लिए नहीं बुलाया गया तो आक्रोशित वन श्रमिकों ने डीएफओ को कार्यालय जाते समय रोककर वार्ता की। श्रमिकों ने कहा कि कार्यालय में बैठने का औचित्य क्या है जब पूर्व में हुए समझौते को लागू ही नहीं किया जा रहा है, ऐसे में श्रमिकों ने जिन लोगों की भ्रष्टाचार की शिकायत की है उन्हें ही काम से हटाया गया है।
जगजीत सिंह जग्गी ने कहा कि श्रमिकों के चूल्हे चौके बूझ चुके हैं, बार-बार वन विभाग के अधिकारियों को अवगत करवाने के बाद भी अधिकारी बात नहीं कर रहे हैं। श्रमिको के पास संघर्ष का बिगुल बजाने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है। इस दौरान डीवाईएफआई प्रदेशाध्यक्ष एडवोकेट जगजीत सिंह जग्गी, मोहन लोहरा, औरंगजेब, गोविंद, बुधराम, गोपाल, श्योनारायण आदि मौजूद थे।
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