नेशनल। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अपने ऐतिहासिक फैसले में कहा कि शादी को लेकर खाप पंचायतों के फरमान पूरी तरह से गैरकानूनी हैं। देश की शीर्ष अदालत ने कहा अगर दो बालिग अपनी मर्जी से विवाह कर रहे हैं, तो कोई इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता।
देश मे जातिवाद और अंधविस्वास का ऐसा जहर घोल रखा है कि कोई भी सरकार ओर राजनैतिक पार्टी मानवता व सामाजिकता की बत नहीं करती, इस लिये कुर्सी के लालची कानून लाने से डरते है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि जब तक केंद्र सरकार इस मसले पर कानून नहीं ले आती, तब तक यह आदेश प्रभावी रहेगा। सुप्रीम कोर्ट में शक्ति वाहिनी नाम के एनजीओ ने खाप पंचायतों के खिलाफ याचिका दायर की थी।
एनजीओ ने याचिका में मांग की थी कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र और राज्य सरकारों को ऑनर किलिंग रोकने के मामलों पर रोक लगाने के लिए दिशानिर्देश दे। सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यों वाली बेंच की अध्यक्षता खुद चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा कर रहे थे। इस बेंच में जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ भी थे।
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