( फाईल फोटो)
समेजा कोठी।दीपीवली का त्यौहार नजदीक आते ही मिठाई विक्रेता गुणवत्ताहीन मिठाई बेचना शुरू कर देते हैं।समेजा उपतहसील में तो यदि स्वास्थ्य विभाग जनता के स्वास्थ्य को ध्यान रख कार्यवाही करे तो चौकानें वाले परिणाम सामने आ सकते हैं।समेजा कोठी उपतहसील में मिष्ठान विक्रेता दुकानदार भी शायद लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हो। हर रोज हाथोहाथ कास्टिक सोडा डालकर जलेबी जनता को परोसी जा रही हैं जो स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती हैं लोगो की पाचन क्रिया बिगड जाती हैं।लड्डू,बूंदी,बेसन बर्फी बेसन की जगह कनक के आटे के बनाकर लोगों की जेबे काटी जा रही हैं लेकिन खाद्य सुरक्षा विभाग व स्वास्थ्य विभाग ने आजतक कभी भी समेजा गांव की इन मिठाई विक्रेता की दुकानों पर दस्तक नही दी हैं क्या गांव के लोगों के लिए स्वास्थ्य विभाग की कोई जिम्मेदारी नही बनती की वह मिठाईयों के सैंपल ले।दुकानदार गांवो में सबसे ज्यादा मिलावटी मिठाईया बेचान करते हैं क्योंकि अधिकारी गांवों में आना ही पंसद नही करते।
चटख रंगदार मिठाईया आपको हर दुकान पर मिल जायेगी जो आर्टिफिशियल रंगो से बनाई जा रही हैं।कई दुकानदार दुध की जगह सुखा पाउण्डर पानी में घोलकर चिकनाई के लिए रिफायन्ड तेल का इस्तेमाल कर नकली खोये से मिठाईया तक बेच देते हैं जिसकी पहचान आम व्यक्ती नही कर सकता। लेकिन स्वास्थ्य विभाग निरीक्षण कर लोगों को मिलावटी वस्तु खाने से बचा सकता हैं।प्रशासन इतना तो लोगों के लिए कर ही सकता हैं की स्वच्छ वस्तु जो गुणवत्ता युक्त हो वही लोगों को खाने के लिए मिले।प्रयास हो भी क्यों न सरकार ने फूड सेफ्टी अधिकारी की पोस्टिग तक की हुई हैं।लेकिन दिवाली के मध्य नजर महकमा कब समेजा उपतहसील की और रूख करता हैं यह देखने वाली बात हैं।
0 टिप्पणियाँ
इस खबर को लेकर अपनी क्या प्रतिक्रिया हैं खुल कर लिखे ताकि पाठको को कुछ संदेश जाए । कृपया अपने शब्दों की गरिमा भी बनाये रखे ।
कमेंट करे