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#Expose #Special #Episode 04 हनुमानगढ़ बीजेपी की नैया डूबे ही देंगे ये कई साहब....!जेब भर जाए और चौधर मिले बस...


हनुमानगढ़(कुलदीप शर्मा) जिला मुख्यालय पर 5 दिसम्बर को चुनाव प्रचार बन्द होते ही मुलाकातों का जोर होना शुरू हो चुका है। लेकिन अबकी बार कांग्रेस व बीजेपी में जबरदस्त टक्कर होने के चलते दोनों पार्टियां ही ढिल्ली नहीं होना चाहती है। सत्तापक्ष में रही बीजेपी पार्टी की बागडोर कई ऐसे जनो को दी गयी है जो खुद पिछले चुनाव के बाद सुर्खियों में रहे थे! अबकी बार वो ही व्यक्ति वापिस आने के चलते उनसे ईमानदारी की उम्मीद तो कतेहि नहीं कि जा सकती है लेकिन वो एक बार फिर मीडिया को गुमराह करने के चलते बीजेपी को हराने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। अबकी बार बीजेपी प्रत्याशी डॉ. रामप्रताप हनुमानगढ़ से हारते है तो हार का ठीकरा उनके सर फोड़ना भी कोई गलत नहीं होगा। ऐन मौके पर लापरवाही के चलते सब कुछ गलत होना किसी से छुपा भी नहीं होगा।

 आइये जरा विस्तार से नजर डाले...

जीरो लगाने में माहिर है ये...
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बीजेपी में ऐसे कौनसे व्यक्ति है जो पैसो के पीछे जीरो जोड़ने में माहिर हैं वो आप सभी भी भलीभांति जानते भी होंगे। अब वो ही व्यक्ति जीरो तो क्या खुद बीजेपी को हराने की ऐसी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं जो जीत में तब्दील की जा सके। इन्ही झुंड में कई ऐसे भी नाम है जो पीली पर्ची देने में भी रिस्वत का खेल तो खेल लेते ही है! खैर जाने दे हमे क्या हम तो मीडिया है हमारा काम तो सच्चाई सामने लाना है सो ला दी....

...फकीर से बने सिकन्दर...!!
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कुछ जानकार सूत्रों की माने तो कुछ सत्तापक्ष में घुसे चापलूसों की वजह से सत्तापक्ष पर विपक्ष को हावी होने का मौका मिला है। जिनपर सत्तापक्ष का पूरा भरोसा रहा है उन्होंने उस भरोसे को पैसो में तब्दील करना सीख लिया था! कोई भी ऐसा मौका नहीं चुका गया जिसमें पैसे ना बनाये हो। हां ये भी बात सही है कि सत्तापक्ष को भी शायद ऐसे ही चापलूसों की जरूरत थी जिसको लेकर वो चल सके। लेकिन खास बात तो ये  रही कि कभी भी किसी भी गलती पर इन मौका परस्तों ने बीजेपी की साख को बचाने का प्रयास नहीं किया। हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुई भाजपा नेत्री ने तो ये भी कह दिया था कि जिन्हें बीजेपी का मतलब भी नहीं पता वो पार्टी के पदाधिकारी है। खैर हमे क्या है हम तो मीडिया है हमे तो बस सच्चाई दिखानी थी....

अबकी बार ले ही डूबेंगे बीजेपी की नईया(नैया) को...
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अबकी बार जिस तरह से गुमराह करने का प्रयास इन व्यक्तियों द्वारा किया गया है उससे इतना अंदाजा तो लगाया ही जा सकता है कि अबकी बार बीजेपी की नईया शायद ही पार हो पाएगी! बीजेपी के व्यक्तियों से लेकर मीडिया तक को गुमराह करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी गई! अब जीत का सेहरा पहनने के लिए शायद डॉ. रामप्रताप को अगले चुनावो का इंतजार करना पड़े या यूं कहें शायद अबकी बार ओवर एज भी हो जाएंगे। खैर हम तो मीडिया है....

खुद को साहूकार दिखाने के लिए समाज के नाम पर भी हुई राजनीति...
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बीजेपी में उन्ही व्यक्तियों में से खास जनो ने खुद को बीजेपी प्रत्याशी व प्रत्याशी पुत्र का खास दिखाने के लिए खुद के समाज के भी दो भाग करने में कोई कसर नहीं छोड़ी! आमजन को ज्ञात होगा कि आज से कुछ दिन पहले किसी समाज ने कांग्रेस को समर्थन दिया तो उसी के अगले दिन उसने खुद को समाज का नेता बताते हुए बीजेपी को समर्थन दिलवाया ओर मीडिया से कहा गया कि हमारा पूरा समाज बीजेपी के साथ है वो कौन थे हमे मालूम नहीं और ना ही वो हमारे समाज से थे। अब समाज को राजनीति के चक्कर में भूलना भी बड़ी बात है। खैर हम तो मीडिया है जी....

आगे भी रिपोर्ट एक्सक्लूसिव स्वतन्त्र पत्रकारिता करते हुए खुलासे जारी रखेगा....

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