2 अप्रेल को पिलाई जायेगी पल्स पोलियों की दवाः जिला कलक्टर
श्रीगंगानगर। जिला कलक्टर ज्ञानाराम ने कहा कि राष्ट्रीय कार्यक्रम पल्स पोलियों में कार्मिकों का प्रयास रहना चाहिए कि 0 से 5 वर्ष तक के 100 प्रतिशत बच्चों को बूथ पर पोलियों रोधी दवा पिलाई जाये। उन्होंने कहा कि जो बच्चे खुराक से वंचित रह जाते है, ऐसे बच्चों का चिन्हिकरण कर शत-प्रतिशत कवरेज किया जाना चाहिए।
जिला कलक्टर शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभा हॉल में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सरसों, गेहूं फसल कटाई का सिजन होने के कारण अन्य जिलों व अन्य राज्यों से श्रमिक परिवार इस क्षेत्रा में आते है। इसके अलावा इंर्ट भट्टों पर कार्य करने वाले मजदूरों के बच्चों का विशेष ध्यान रखा जाये। श्रमिकों के बच्चों का दवा पिलाने के लिये विशेष दलों का गठन किया जाये।
जिला कलक्टर ने बताया कि गत अभियान में 73 प्रतिशत बूथ कवरेज हुआ था तथा आगामी तीन दिन तक डोर-टू-डोर जाकर दवा पिलाई गयी। समस्त बच्चों को कवरेज करने के लिये ब्लॉक स्तर पर माईक्रो प्लान बनाया जाये, जिससे कि कोई बच्चा वंचित न रहे। उन्होंने बताया कि2009 के बाद राज्य में कोई भी पल्स पोलियों का प्रकरण नही हुआ है। हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान व नाईजेरिया में पल्स पोलियों के रोगी मिले है। जबकि भारत में इस पर नियंत्राण कर लिया गया है।
संस्थागत प्रसव पर ज्यादा जोर दिया जाये
जिला कलक्टर ज्ञानाराम ने कहा कि जच्चा व बच्चा स्वस्थ रहे इसके लिये संस्थागत प्रसव बहुत जरूरी है। हमारा सरकारी तंत्रा इतना मजबूत है कि कोई भी गर्भवती महिला पंजीयन से वंचित नही रह सकती। ग्राम स्तर तक एएनएम, जीएनएम आशासहयोगिनी तथा महिला बाल विकास विभाग के वर्कर उपलब्ध है। सरकार द्वारा 104 व 108 की सेवाएं भी दी जा रही है। ऐसे में प्रत्येक गर्भवती महिला के लिये टै्रकिंग सिस्टम प्रभावी होना चाहिए। संस्थागत प्रसव नही होने का मतलब कही न कही हमारे तंत्रा में कमी है, जिसे दूर किया जाना चाहिए।
जिला कलक्टर ने कहा कि जिन उपस्वास्थ्य केन्द्रों तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर कम प्रसव हुए है। ऐसे कार्मिकों, चिकित्सकों को कारण बताओं नोटिस दिये जायेंगे तथा उस क्षेत्रा की गर्भवती महिलाओं का प्रसव कहा हुआ कि जानकारी भी जुटानी होगी।
भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना गरीब के लिये कल्याणकारी योजना
जिला कलक्टर श्री ज्ञानाराम ने कहा कि मानव जीवन की रक्षा के लिये सरकार द्वारा संचालित भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना एक कल्याणकारी योजना है। इस योजना से अनेक ऐसे गरीब व्यक्तियों ने निशुल्क उपचार करवाकर अपने जीवन की रक्षा की है। इससे बड़ी ओर कोई जनकल्याणकारी योजना नही हो सकती। उन्होंने चिकित्सकों से कहा कि इस योजना में अधिकतम रोगियों को लाभान्वित करावें। अभी भी बहुत से लोगों को इस योजना की जानकारी नही है।
बैठक में मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नरेश बंसल ने बताया कि अब तक 15 हजार 229 रोगियों को भामाशाह योजना में लाभ दिया गया है। उन्होंने जिले की आदर्श पीएचसी की प्रगति, सुरक्षित मातृत्व दिवस, प्रधानमंत्रा सुरक्षित मातृत्व अभियान, शिशु स्वास्थ्य टीकाकरण, परिवार कल्याण, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की प्रगति की विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
बैठक में मुख्य कार्यकारी अधिकारी विश्राम मीणा, डब्ल्यूएचओ की प्रतिनिधि डॉ. मंजूलता शर्मा, आरसीएचओं डॉ. वी.पी.असीजा, पीएमओं डॉ. सुनीता सरदाना सहित जिले के ब्लॉक सीएमएचओ उपस्थित थे
श्रीगंगानगर। जिला कलक्टर ज्ञानाराम ने कहा कि राष्ट्रीय कार्यक्रम पल्स पोलियों में कार्मिकों का प्रयास रहना चाहिए कि 0 से 5 वर्ष तक के 100 प्रतिशत बच्चों को बूथ पर पोलियों रोधी दवा पिलाई जाये। उन्होंने कहा कि जो बच्चे खुराक से वंचित रह जाते है, ऐसे बच्चों का चिन्हिकरण कर शत-प्रतिशत कवरेज किया जाना चाहिए।
जिला कलक्टर शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभा हॉल में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सरसों, गेहूं फसल कटाई का सिजन होने के कारण अन्य जिलों व अन्य राज्यों से श्रमिक परिवार इस क्षेत्रा में आते है। इसके अलावा इंर्ट भट्टों पर कार्य करने वाले मजदूरों के बच्चों का विशेष ध्यान रखा जाये। श्रमिकों के बच्चों का दवा पिलाने के लिये विशेष दलों का गठन किया जाये।
जिला कलक्टर ने बताया कि गत अभियान में 73 प्रतिशत बूथ कवरेज हुआ था तथा आगामी तीन दिन तक डोर-टू-डोर जाकर दवा पिलाई गयी। समस्त बच्चों को कवरेज करने के लिये ब्लॉक स्तर पर माईक्रो प्लान बनाया जाये, जिससे कि कोई बच्चा वंचित न रहे। उन्होंने बताया कि2009 के बाद राज्य में कोई भी पल्स पोलियों का प्रकरण नही हुआ है। हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान व नाईजेरिया में पल्स पोलियों के रोगी मिले है। जबकि भारत में इस पर नियंत्राण कर लिया गया है।
संस्थागत प्रसव पर ज्यादा जोर दिया जाये
जिला कलक्टर ज्ञानाराम ने कहा कि जच्चा व बच्चा स्वस्थ रहे इसके लिये संस्थागत प्रसव बहुत जरूरी है। हमारा सरकारी तंत्रा इतना मजबूत है कि कोई भी गर्भवती महिला पंजीयन से वंचित नही रह सकती। ग्राम स्तर तक एएनएम, जीएनएम आशासहयोगिनी तथा महिला बाल विकास विभाग के वर्कर उपलब्ध है। सरकार द्वारा 104 व 108 की सेवाएं भी दी जा रही है। ऐसे में प्रत्येक गर्भवती महिला के लिये टै्रकिंग सिस्टम प्रभावी होना चाहिए। संस्थागत प्रसव नही होने का मतलब कही न कही हमारे तंत्रा में कमी है, जिसे दूर किया जाना चाहिए।
जिला कलक्टर ने कहा कि जिन उपस्वास्थ्य केन्द्रों तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर कम प्रसव हुए है। ऐसे कार्मिकों, चिकित्सकों को कारण बताओं नोटिस दिये जायेंगे तथा उस क्षेत्रा की गर्भवती महिलाओं का प्रसव कहा हुआ कि जानकारी भी जुटानी होगी।
भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना गरीब के लिये कल्याणकारी योजना
जिला कलक्टर श्री ज्ञानाराम ने कहा कि मानव जीवन की रक्षा के लिये सरकार द्वारा संचालित भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना एक कल्याणकारी योजना है। इस योजना से अनेक ऐसे गरीब व्यक्तियों ने निशुल्क उपचार करवाकर अपने जीवन की रक्षा की है। इससे बड़ी ओर कोई जनकल्याणकारी योजना नही हो सकती। उन्होंने चिकित्सकों से कहा कि इस योजना में अधिकतम रोगियों को लाभान्वित करावें। अभी भी बहुत से लोगों को इस योजना की जानकारी नही है।
बैठक में मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नरेश बंसल ने बताया कि अब तक 15 हजार 229 रोगियों को भामाशाह योजना में लाभ दिया गया है। उन्होंने जिले की आदर्श पीएचसी की प्रगति, सुरक्षित मातृत्व दिवस, प्रधानमंत्रा सुरक्षित मातृत्व अभियान, शिशु स्वास्थ्य टीकाकरण, परिवार कल्याण, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की प्रगति की विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
बैठक में मुख्य कार्यकारी अधिकारी विश्राम मीणा, डब्ल्यूएचओ की प्रतिनिधि डॉ. मंजूलता शर्मा, आरसीएचओं डॉ. वी.पी.असीजा, पीएमओं डॉ. सुनीता सरदाना सहित जिले के ब्लॉक सीएमएचओ उपस्थित थे
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