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मंथली के चक्कर में फसे घमुड़वाली थानाधिकारी,सूरतगढ़ आबकारी निरक्षक और सिपाही,एसीबी ने तीनो को लिया हिरासत में

श्रीगंगानगर । जिला मुख्यालय के लिए आज का दिन चर्चा में रहा हैं । अचानक एका-एक हुए एसीबी की कारवाई से हडकंप मच गया था । शराब ठेकों से अवेध रूप से उगाही करने देने के लिए रिश्वत लेते हुए घमूड़वाली थाना प्रभारी, आबकारी निरीक्षक और आबकारी दल के सिपाही को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने बुधवार दोपहर बाद गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार सभी अधिकारी अचानक हुई कारवाई से हक्के-बक्के रह गये ।

वही कार्रवाई करने के लिए बीकानेर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो पुलिस श्रीगंगानगर क्षेत्र में आई हुई थी । वहीं मोजूद अधिकारियो की हमारे सवांददाता से हुई बात से ये सामने आया की 26 फरवरी को श्रीगंगानगर की शंकर कॉलोनी निवासी आकाशदीप ने ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रजनीश पूनिया के समक्ष शिकायत दी थी। इसमें परिवादी ने बताया था कि घमूड़वाली में कम्पोजिट शराब दुकान तेजभान शर्मा के नाम से स्वीकृत है। जिसमें वह कर्मचारी है। हमारी शराब दुकान घमूड़वाली थाना क्षेत्र में है, जहां थाना प्रभारी शराब की दुकान को निरंतर रूप से चलने देने और परेशान नहीं करने की एवज मे हर माह दबाव डालकर 10 हजार रुपए रिश्वत मांग रहा है। फिर एसीबी ने अपने स्तर पर  इस शिकायत का सत्यापन 27 फरवरी और 2 मार्च को किया। सत्यापन के दौरान थाना प्रभारी ने दुकान निर्बाध चलने देने की एवज में 20 हजार रुपए रिश्वत मांगी। सत्यापन के दोनों दिन थाना प्रभारी ने पांच-पांच हजार रुपए रिश्वत के ले लिए। वहीं बाकी बचे हुए दस हजार रुपए बुधवार को देना तय हुआ था । वहीं इसी परिवादी ने एक और शिकायत दी कि चक 2 एनएम में समूह संख्या 291 आवंटित है। जिसमें उसे मोनिका ने कर्मचारी रखा हुआ है। यह शराब ठेका आबकारी निरीक्षक सूरतगढ़ क्षेत्र में है। सूरतगढ़ आबकारी निरीक्षक सुभाष 7 हजार रुपए मंथली लेने के लिए नाजायज रूप से परेशान करता है। बंधी नहीं देने पर दुकान पर आकर मंथली नहीं मिलने पर दुकान बंद कराने की धमकी देता है। इस शिकायत का सत्यापन कराया गया, जिसमें पदस्थापन अवधि अक्टूबर 2016 से मार्च 2017 तक 5 हजार रुपए मंथली के रूप में रिश्वत की मांग करना तथा पूर्व में 17 हजार रुपए मंथली रिश्वत राशि लेना तथा बकाया मंथली 8 हजार रुपए व 7 हजार रुपए जिला आबकारी अधिकारी व सहायक आबकारी अधिकारी के लिए कुल 15 हजार रुपए की मांग करना सत्यापित हुआ। जिसके बाद एसीबी ने एक बड़ा जाल बुना जिसमे ये बड़ी मछलियां फस गई या यूँ कहे की पकड़ में आ गई ।एक टीम ने जिला आबकारी कार्यालय श्रीगंगानगर में कार्रवाई कर आबकारी निरीक्षक सुभाष और आबकारी दल के सिपाही सुनील कुमार को पंद्रह हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। दूसरी तरफ ब्यूरो की टीम ने घमूड़वाली थाने में कार्रवाई कर थाना प्रभारी घुक्कर सिंह को दस हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। थाने व आबकारी कार्यालय में शाम तक कार्रवाई चलती रही । देर रात तक एसीबी की कारवाई जारी थी ।

अधिकारी सहम गये नहीं पहुंचे थाने
वहीं जानकारों की माने तो बुधवार दोपहर जैसे ही आबकारी निरीक्षक व थाना प्रभारी के रिश्वत लेते हुए पकड़े जाने की खबर पुलिसकर्मियों व आबकारी कर्मचारियों को मिली तो उनमें हड़कंप मच गया। जो की सभी अधिकारियो को हिला के रख देने वाला था वहीं जानकारों की माने तो जो पुलिसकर्मी थाने से बाहर थे। वे कार्रवाई के दौरान वहां नहीं आए। आबकारी कार्यालय में भी हालात कुछ यूँ ही बने हुए थे ।

आबकारी कार्यालय में अधिकारी गायब
वहीं मीडिया रिपोर्ट की माने तो ब्यूरो टीम की कार्रवाई के दौरान आबकारी कार्यालय में कोई अधिकारी नहीं था। अधिकारियों के कमरे खाली पड़े थे। इस दौरान ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने कर्मचारियों को कहा कि वे अधिकारियों को बुलाए लेकिन शाम तक वहां कोई अधिकारी नहीं पहुंचा। जो की इस बात का संकेत करता हैं की अचानक हुई इस कार्रवाई से सहम गये थे सारे अधिकारी ।

उपर तक चलता हैं मंथली का खैल,सबकी भूमिका की जांच

वही मोजूद जानकारों की और मीडिया रिपोर्ट की माने तो इसी मामले में रिश्वत लेते पकड़े गए आबकारी निरीक्षक सुभाष की ओर से अधिकारियों के लिए भी अलग से रिश्वत की राशि लेने का मामला सामने आया है। जो की इस बात को प्रमाणित करता हैं की ये तो सिर्फ मछलिया हैं असली मगरमच्छ तो कोई ओर ही होता हैं इस बात को गम्भीरता से लेते हुए एसीबी ब्यूरो अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रजनीश पूनियां ने कहा कि इस मामले में अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका भी गहनता से जांच की जाएगी। जिससे एकबारगी सभी अधिकारियों के गले तक आई हुई हैं ।

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