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पाकिस्तान फिर पहुंचा जाधव मामले में अंतर्राष्ट्रीय अदालत, आईसीजे में दाखिल की याचिका

jadhav case

इंटरनेशनल न्यूज़ |  पाकिस्तान ने कथित भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव मामले की छह सप्ताह के भीतर दोबारा सुनवाई की मांग को लेकर अंतर्राष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) में शुक्रवार (19 मई) को एक याचिका दाखिल की. दुनिया न्यूज ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय अदालत द्वारा गुरुवार (18 मई) को जाधव की फांसी पर रोक लगाने के बाद पाकिस्तान ने मामले में आईसीजे के अधिकार क्षेत्र को दोबारा चुनौती देने की पूरी तैयारी कर ली है.


कानून के मुताबिक, जाधव अपीली अदालत में अपनी मौत की सजा के खिलाफ शनिवार (20 मई) के अंत तक अपील कर सकता है. कथित तौर पर जासूसी तथा आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता को लेकर पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने कुलभूषण जाधव को 10 अप्रैल को मौत की सजा सुनाई थी.

दुनिया न्यूज ने कहा कि अपीली अदालत के फैसले के 60 दिनों के भीतर दोषी पाकिस्तान के सेना प्रमुख के समक्ष दया याचिका दाखिल कर सकता है. मौत की सजा का सामना कर रहा दोषी सेनाप्रमुख के फैसले के 90 दिनों के भीतर राष्ट्रपति के समक्ष दया की अपील कर सकता है.

आईसीजे ने जाधव की सजा पर लगाई रोक

भारत ने गुरुवार (18 मई) को उस वक्त पाकिस्तान पर बड़ी कूटनीतिक विजय हासिल की जब हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने पाकिस्तानी सैन्य अदालत से जासूसी के आरोप में फांसी की सजा पाये भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की सजा पर रोक लगा दी.

आईसीजे के अध्यक्ष रोनी अब्राहम ने फैसला पढ़ते हुये यह भी कहा, ‘पाकिस्तान को यह सुनिश्चित करने के लिये सभी आवश्यक कदम उठाने चाहिये कि इस मामले में अंतिम फैसला सुनाये जाने तक जाधव को फांसी न दी जाये.’ आईसीजे ने 9 मई को अंतरिम उपाय के तहत जाधव की मौत की सजा को स्थगित कर दिया था. न्यायालय ने पाकिस्तान को निर्देश दिया कि वह उसे ‘मौजूदा आदेश को अमल में लाने के लिये उठाये गये सभी कदमों से’ अवगत कराये.

अंतरराष्ट्रीय न्यायालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, ‘न्यायालय यह भी तय करता है कि उसके द्वारा अंतिम फैसला लिये जाने तक यह मामला उसके विचाराधीन रहेगा...’ भारत ने जाधव के मामले में आईसीजे के फैसले का स्वागत किया, लेकिन इस्लामाबाद ने कहा कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में अदालत के अधिकार क्षेत्र को स्वीकार नहीं करता 

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