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भारत को मिली कामयाबी, कुलभूषण की फांसी की सज़ा पर लगी रोक । Report Exclusive


राष्ट्रीय खबर । पकिस्तान में जेल में बंद कुल्भुष्ण जाधव को लेकर सुर्खियों में रहने वाला पकिस्तान को झटका लगा हैं । आपको ज्ञात होगा की पाकिस्तान ने जासूसी के आरोप में भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को फांसी की सजा सुनाई थी । जिसको लेकर दोनों देशो में बयानबाजी तेज़ होती जा रही थी तो दोनों देशो के सम्बन्धो में भी खटास की बाते सामने आ रही थी । वहीं मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो जासूसी के आरोप में पाकिस्तानी जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर रोक लग गयी है । अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत ने जाधव की फांसी के सजा की तामील पर रोक लगा दी है । वहीं बताया जा रहा हैं की भारत की अपील पर इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने यह रोक लगायी है । विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार रात कहा कि उन्होंने कुलभूषण की मां से बात की है और कोर्ट के आदेश से उन्हें अवगत कराया है । अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने भारत के तरफ से पैरवी की

पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने गत 10 अप्रैल को जाधव को ‘जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों’ में दोषी पाये जाने के बाद उसे मौत की सजा सुना दी जिस पर भारत ने सख्त प्रतिक्रिया दी है । भारत ने कहा कि पाकिस्तान यदि मौत की सजा की तामील करता है तो यह सुनियोजित हत्या होगी । विदेश मंत्रालय ने सोमवार को पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब कर उन्हें 'डिमार्शे' दिया जिसमें कहा गया है कि जिस कार्यवाही के आधार पर जाधव को यह सजा दी गई है वह ‘हास्यास्पद’है और उनके खिलाफ कोई ‘विश्वसनीय साक्ष्य’नहीं हैं

डिमार्शे के मुताबिक भारत ने अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत इस्लामाबाद में अपने उच्चायोग के जरिए वाणिज्य दूतावास को जाधव तक संपर्क देने की मांग की और 23 मार्च 2016 से 31 मार्च 2017 के बीच ऐसे 13 अनुरोध औपचारिक तरीके से किए गए लेकिन ‘पाकिस्तानी अधिकारियों ने इसकी इजाजत नहीं दी । ’इसमें कहा गया कि, ‘कार्यवाही जिसके चलते जाधव को यह सजा सुनाई गई वह ‘हास्यास्पद है और उनके खिलाफ बगैर किसी भरोसमंद सबूत के है । इसमें कहा गया कि यह अहम है कि भारतीय उच्चायोग को जाधव पर मुकदमा चलाने की सूचना तक नहीं दी गई  ।

वहीं इस मामले के बाद भारत ने भी राहत की सांस ली होगी तो वहीं पाकिस्तान को इस फैसले के बाद बड़ा झटका लगा हैं । भारत ने कुलभूषण जाधव से मिलने के लिए भी काफी प्रयास किये थे लेकिन पाकिस्तान ने हर बार इनकार किया था । वहीं इस फांसी की सज़ा के फैसले के बाद दोनों देशो में तनाव की स्थिति भी उत्पन्न हुई थी । अब इस मामले ने एक नया मोड़ ले लिया हैं ।

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