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हनुमानगढ़ : 11 करोड़ लोगों की मातृ भाषा राजस्थानी को मिले मान्यता


मातृ भाषा में मिले हर विद्यार्थी को शिक्षा
हनुमानगढ़ । हर बालक का यह मौलिक अधिकार है कि उसको प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में दी जाए।अध्ययनों से पता चला है कि मातृभाषा में सिखाई गई चीज बालक जल्दी ग्रहण करता है।चीन,फ्रांस,स्पेन आदि देशों में न केवल प्राथमिक शिक्षा बल्कि उच्च शिक्षा भी विद्यार्थियों को उनकी मातृभाषा में दी जाती है।


चाणक्य कोचिंग क्लासेज तथा द साइंस कॉलेज क्लासेज रावतसर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित राजस्थानी भाषा पर केंद्रित कार्यक्रम में ये विचार उपस्थित साहित्यकारों ने रखे।


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चाणक्य कोचिंग क्लासेज के प्रबंधक मुकेश शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शिक्षाविद् प्रह्लाद राय पारीक थे।राजस्थानी भाषा मान्यता समिति के जिला प्रचार मंत्री हरीश हैरी ने उपस्थित विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि मातृभाषा का स्थान कोई दूसरी भाषा नहीं ले सकती।हर प्रांत ने राजभाषा के नाम पर बाड़ लगा रखी है।उस बाड़ को पार करना राजस्थानी विद्यार्थियों के लिए नामुमकिन है क्योंकि हर प्रांत में यह नियम है कि किसी भी नौकरी के लिए उस प्रांत की भाषा में 10 वीं उत्तीर्ण होना आवश्यक है।राजस्थान हिंदी भाषी क्षेत्र घोषित होने के कारण बाहर के लोग यहां नौकरियों में शामिल हो जाते हैं।अपनी मातृभाषा राजस्थानी को मान्यता न होने के कारण यहां के विद्यार्थी पिछड़ जाते हैं।



शिक्षाविद् प्रह्लाद राय पारीक ने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि उनके हक की लड़ाई उनको स्वयं लड़नी होगी।राजस्थानी भाषा का शब्दकोश विश्व में सबसे बड़ा शब्दकोश है। राजस्थानी भाषा में हस्तलिखित अढाई लाख से ज्यादा ग्रंथों की पांडुलिपियां विभिन्न संग्रहालयों में सुरक्षित हैं।11 करोड़ लोगों द्वारा बोली जाने वाली राजस्थानी भाषा को मान्यता नहीं होने के कारण हर राजस्थानी से उसका हक छीना जा रहा है।



इससे पूर्व छात्र पवन कुमार बिश्नोई ने अपनी राजस्थानी कविता पढ़कर सुनाई।युवा कवि अशोक परिहार उदय ने तरन्नुम में राजस्थानी गीत व कविता सुनाकर दाद पाई।



 इस अवसर पर राजस्थानी छात्र मोर्चा के तहसील संयोजक व्याख्याता सूरजमल राठौड़,व्याख्याता सुभाष सोनी अनाम,डॉ.विजय पटीर,मुरारी लाल,सुरेंद्र शर्मा,राजेंद्र,महेंद्र,रामलाल जोशी,संजय भार्गव,प्रकाश नवल,राजकुमार सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।कार्यक्रम का मंच संचालन राजस्थानी के युवा साहित्यकार राजू सारसर राज ने किया।कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु चाणक्य कोचिंग क्लासेज के प्रबंधक मुकेश शर्मा ने सब का आभार व्यक्त किया।

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