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Special 4- पॉलीथिन का करोड़ो के व्यापार में सब मंथली का खैल!तभी अधिकारी रहे झेल


जिला कलेक्टर की भी चुपी बनी सन्देह!
शहर के जिम्मेदारों पर निर्देशो का नहीं प्रभाव
मंत्री भी नहीं बचा पाए रहे शहर को!
कुलदीप शर्मा की कलम से
हनुमानगढ़। जिले भर में पॉलीथिन का उपयोग एक महज फैशन सा बना हुआ है। शहर में प्लास्टिक की पॉलीथिन को लेकर लागातर यॉर्कर समाचार पत्र खबरों का प्रकाशन करता आ रहा हैं।लेकिन कोई भी अधिकारी अपनी जिनमेदारी को लेकर बोलने को तैयार नहीं हैं।अब अगर इसी तरह शहर के तमाम जिम्मेदार बैठे रहे तो इस शहर का क्या होगा ? क्या इस तरह शहर को प्रदूषण मुक्त किया जा सकता हैं। अगर हाल ये ही रहा रहा तो हमे नहीं लगता शहर को किसी तरीके से मुक्त किया जा सकता हैं।

मंथली के चक्कर मे कार्रवाई नहीं!
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शहर में जिस तरह से प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग सरेआम धड़ल्ले से किया जा रहा हैं वो साफ जाहिर कर रहा हैं कि जिम्मेदार अधिकारियों को बड़ी मन्थली जाती होगी! लगातार ख़बर प्रकाशन के बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करना अपने आप मे बड़ा सवाल खड़ा कर रही हैं।यॉर्कर अखबार ने जिस तरीके से खबरों का प्रकाशन करते हुए अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया हैं उसके बाद पूरा शहर तो जाग चुका हैं लेकिन अधिकारियों की नींद अभी तक नहीं टूटी हैं।

जिला कलेक्टर की चुपी भी संदेह...!
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शहर में जिस तरह से पॉलीथिन का उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा हैं उसको लेकर ख़बर प्रकाशन के बाद भी जिले के सबसे बड़े अधिकारी जिला कलेक्टर की चुपी भी संदेह का काम कर रही हैं!जिले का सबसे बड़ा अधिकारी होने के नाते जो जिम्मेदारियां बनती हैं उनसे भागते हुए नज़र आ रहे हैं।जहां सरकार प्रदूषण मुक्त को लेकर अनेको दावे कर रही हैं तो वहीं हनुमानगढ़ में अधिकारियों के कानों तले जूं तक नहीं रेंगना बड़ी बातों की ओर इशारा करते हुए दिख रही हैं!


करोड़ो के व्यापार में जहर बेचने वालों की बल्ले-बल्ले
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जिस प्रकार से शहर में प्लास्टिक की थैलियों का व्यापार बड़े जोरो से चल रहा हैं उससे इतना तो अंदाजा लगाया ही जा सकता हैं कि किस तरह से आमजन,पशुओं और पर्यायवरण के लिए खतरा बन चुकी पॉलीथिन का उपयोग बड़े धड़ल्ले से किया जा रहा हैं।जिसको लेकर कोई भी जिम्मेदार अपनी जिमेदारी को लेकर दायित्व नहीं निभा पा रहा हैं।जहरीली पॉलीथिन के इस करोड़ो के व्यापार में सभी अपने हाथ धोने को तैयार बैठे हैं जिसके चलते सभी के बारे-न्यारे हो रहे हैं। करोड़ो का व्यापार खत्म करके कोई अपनी नोट छापने की इस मशीन के हाथ शायद कटवाना नहीं चाहता होगा!आमजन को हर माह करोड़ो रूपये का जहर बेचा जा रहा हैं!

सरकार के मंत्री को भी शहर की नहीं चिंता
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हनुमानगढ़ शहर में जहां जल संसाधन मंत्री डॉ रामप्रताप को विकास पुरुष के नाम से लोग पुकारते हुए नज़र आते हैं लेकिन उन्ही के शहर में उनके नाक के नीचे जिस तरह से पॉलीथिन रूपी जहर आमलोगों को परोसा जा रहा हैं उसकी चिंता शायद मंत्री महोदय को भी नहीं हैं।जिला अध्यक्ष बलबीर बिश्नोई ने भी आमजन में जागरूकता लाने की बात कही थी लेकिन लगता हैं ये बात भी फिसड्डी साबित होती हुई नजर आ रही हैं।शहर में इस जहर को रोकने के लिए क्या कोई भी अपनी जिम्मेदारी तय करने को तैयार नही हैं? क्या हमारा हनुमानगढ़ भी कभी पॉलीथिन के जहर से मुक्त हो पायेगा? ये सबसे बड़े सवाल हैं जो हर रोज आम नागरिक पूछता हुआ नजर आता हैं।

निर्देशो की निकली हवा
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यॉर्कर अखबार की खबरों के बाद नगरपरिषद सभापति राजकुमार हिसारिया ने आयुक्त को कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे लेकिन लगता हैं वो भी अभी ठंडे बस्ते में डाल दिये गए हैं।उधर मंडी समिति अध्यक्ष रामेश्वर चांवरिया ने भी धान मंडी में पॉलीथिन के उपयोग पर बैन लगाने के निर्देश मंडी समिति सचिव को दिए थे लेकिन वो भी निर्देश हवा-हवाई होते हुए नज़र आ रहे हैं।इन सभी हालातो को देखा जाए तो साफ है सभी अधिकारी इस जहर को बेचान करने में मीले हुए हैं अन्यथा इन ओर निर्देशो के बावजूद भी कार्रवाई ना हो थोड़ा समझ से बाहर हैं।अब देखने वाली बात रहेगी कि कार्रवाई कब तक होती हैं।

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