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वरिष्ठ शोध अध्येता डॉ बी एल सहू ने जिला कलक्टर को दिखाया शौध कार्य

केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय की सीनियर फैलोशिप योजना के अंतर्गत किया शोध  

राजस्थान से दो ही वरिष्ठ शोध अध्येताओं का सीनियर फैलोशिप योजना में हुआ था चयन
हनुमानगढ़। जिले के वरिष्ठ शोध अध्येता डॉ बनवारी लाल सहू सोमवार को जिला कलक्टर श्री प्रकाश राजपुरोहित से मिले। डॉ सहूू ने भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की सीनियर फैलोशिप योजना 2014 के अंतर्गत दो साल में पूर्ण किए शोध कार्य की एक प्रति जिला कलक्टर को दिखाई। डॉ सहू ने बताया कि संस्कृति मंत्रालय की ओर से राजस्थान में सीनियर फैलोशिप योजना के अंतर्गत केवल दो ही व्यक्तियों का चयन हुआ था। जिसमें से हिंदी साहित्य के अंतर्गत उनके शोध कार्य का चयन हुआ। डॉ सहू ने ''बिश्नोई लोकगीतों का सांस्कृतिक अध्ययन'' विषय पर शोध कार्य किया। 




 जिला कलक्टर ने शोध कार्य पूर्ण करने पर डॉ सहू को बधाई देते हुए लोकगीतों के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी ली। डॉ सहू ने बताया कि लोकगीतों में पूरी संस्कृति बसी है लेकिन अाज के समय में लोकगीत लुप्तप्राय होते जा रहे हैं। शादी में गाए जाने वाले लोकगीतों का स्थान डीजे संस्कृति ने ले ली है तो खेतों में काम करते समय गाए जाने वाले गीत फसल काटने की मशीन आ जाने के कारण लुप्त होते जा रहे हैं। लोकगीतों को सहेज  कर रखने की सख्त आवश्यता है।




 गौरतलब है कि वरिष्ठ शोध अध्येता डॉ बीएल सहू जांभाणी साहित्य अकादमी के वर्तमान में उपाध्यक्ष और व्यापार मंडल गर्ल्स कॉलेज के करीब 10 साल प्रिंसिपल व एनएमपीजी कॉलेज में हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष रह चुके हैं और 8 अलग अळग किताबें लिख चुके हैं। जिनमें राजस्थान का उपन्यास साहित्य-एक अध्ययन, पर्यावरण संरक्षण एवं खेजड़ली बलिदान इत्यादि प्रमुख हैं। 

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