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प्रकृति के साथ रहकर आयुष को अपनाना होगा : श्रीमती कामिनी जिन्दल

आयुर्वेद विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति है : श्री संजय महिपाल

श्रीगंगानगर। गंगानगर विधायक श्रीमती कामिनी जिन्दल ने कहा कि स्वस्थ रहना है तो प्रकृति के साथ रहकर आयुष को अपनाना होगा। उन्होने राज्य सरकार का धन्यवाद किया कि इस पद्धति से उपचार के लिए मेघा शिविर आयोजित किये जा रहे है, जिससे आमजन को लाभ मिलेगा।




श्रीमती जिन्दल शनिवार को आयुर्वेद एवं भारतीय चिकित्सा विभाग द्वारा गोपीराम गोयल बगीची में संभाग स्तरीय आरोग्य मेला 2018 के शुभारम्भ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रही थी। उन्होने कहा कि हम प्रातः उठकर महालक्षी की पूजा करते है। हमे स्वस्थ रहने के लिए भगवान धनवंतरी की अराधना करनी चाहिए। शरीर स्वस्थ होगा तो तन, मन व मस्तिक सब स्वस्थ रहेंगे तो धन की भी कमी नही रहेगी। स्वस्थ तन के बिना धन की कोई महत्ता नही रह जाती। उन्होने कहा कि हम प्रकृति को नष्ट कर रहे है, प्रकृति को संजोगकर रखना पूरे विश्व के लिए कल्याणकारी होगा। उन्होने कहा कि प्रकृति हमारी मॉं है जो सदैव हमे देती है। हमारे देश में प्रकृति में अनेक प्रकार की औषधियां उपलब्ध है, लेकिन मुफ्त की वस्तुओं की उपयोगिता को नही समझते। हमारे रीति-रिवाज भी प्रकृति से जुडे हुए है। उन्होने हल्दी और शहद का उदाहरण देते हुए बताया कि इनका जन्म व विवाह समारोह में उपयोग किया जाता है।




नगर विकास न्यास के अध्यक्ष श्री संजय महिपाल ने कहा कि आयुर्वेद विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति है। इस पद्धति में प्रकृति से उपचार किया जाता है। हिन्दुस्तान ने इस पद्धति से पूरे विश्व को लाभांवित किया है। उन्होने देश के प्रधानमंत्रा श्री नरेन्द्र मोदी की सराहना करते हुए कहा कि आयुर्वेद को दो दिवस मिले है। पूरा विश्व योग एवं धनवंतरी दिवस मनाते है। उन्होने कहा कि ये साधुवाद के पात्रा है, जिन्होने खोई हुई भारत की धरोहर को पुनः लौटाया है। आयुर्वेद में स्वस्थ्य का खजाना छिपा है। उन्होने कहा कि पहाडों में जडी-बुटियों के बीच में से होकर मिलने वाला गंगा का पानी भी इसी लिए पवित्रा है। 




श्री रमेश राजपाल ने कहा कि भारतीय सभ्यता और संस्कृति में आयुर्वेद बसा हुआ है। रामायण काल में भी जडी-बुटियों का उल्लेख मिलता है। आयुर्वेद से असाध्य रोगों का उपचार संभव है। 




आयुर्वेद विभाग के अतिरिक्त निदेशक श्री महावीर सिंह राठौड ने बताया कि यह आरोग्य मेला 30 जनवरी 2018 तक संचलित होगा। आमजन इसका लाभ ले। आरोग्य मेले में परामर्श व औषधियां निःशुल्क दी जाएगी। आरोग्य मेले में आयुर्वेद के विशेषज्ञों के अलावा पंचक्रम, सौंदर्य, क्लिनीक तथा योग की भी विशेष व्यवस्था की गई है।




30 जनवरी तक रहेगा आरोग्य मेलाः- गोपीराम गोयल बगीची में आयोजित आरोग्य मेला 30 जनवरी 2018 तक रहेगा। प्रातः 10 बजे से रात्रि 8 बजे तक नागरिक इसका लाभ ले सकते है। 




दीप प्रज्ज्वलन व धनवंतरी पूजा के साथ शुरू हुआ मेलाः- आयुर्वेद विभाग द्वारा आयोजित आरोग्य मेले की शुरूआत दीप प्रज्जवलन व धनवंतरी देव की पूजा के साथ शुरूआत हुई। 


इस अवसर पर श्री आदित्य चितलांगिया, श्री गोरी शंकर सांई, जिला आयुर्वेद अधिकारी श्री बलदेव राज अरोडा, डॉ0 हरिन्द्र दावडा, क्रांति चुघ सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। आरोग्य मेले में श्री श्याम सुन्दर शर्मा प्रतिदिन योगाभ्यास तथा योग क्रियाओं की जानकारी देंगे। 

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