किसानों के लिए ऐसा रहा बजट
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने देश के किसानों के लिए बड़े तोहफे का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने आगामी खरीद की फसलों को उत्पादन लागत से कम-से-कम डेढ़ गुना कीमत पर लेने का फैसला ले लिया है। देश के किसानों की आमदनी बढ़ाकर साल 2022 तक दोगुना करने का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मौजूदा सरकार के आखिरी पूर्ण बजट में सरकार का संकल्प दोहराया और कहा कि किसानों को लागत से डेढ़ गुना कीमत मिले, इसे सुनिश्चित करने के लिए बाजार मूल्य और एमएसपी में अंतर की रकम सरकार वहन करेगी।
जेटली ने कहा, 'बाजार के दाम अगर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम हो तो सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि किसानों को बाकी पैसे किसानों को दिए जाएं।' जेटली ने कहा कि इसके लिए नीति आयोग व्यवस्था का निर्माण करेगा। इसके साथ ही, मोदी सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए 11 लाख करोड़ का फंड बनाने का भी ऐलान किया।
रोजगार के नाम पर ये कहा वित्त मंत्री ने
चौथे बजट में योजगार और छोटे उद्दयोगों के लिए बड़ी घोषणा की। वित्त मंत्री ने मुद्रा योजना के लिए 3 लाख करोड़ रुपए की घोषणा की। उन्होंने यह भी कहा कि 2014 में सरकार संभालने के वक्त पीएम नरेंद्र मोदी के सामने रोजगार मुहैया कराना एक बहुत बड़ी चुनौती थी और सरकार ने इस दिशा में बड़े कदम उठाए हैं।
लघु और मझोले उद्योगों को आगे बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री ने पिछली बार की तुलना में 20 फीसदी अधिक राशि मुद्रा योजना के लिए आवंटित करने की घोषणा की। पिछले साल यह रकम 2.44 लाख करोड़ थी। लघु उद्यमियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 2015 में प्रदानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह योजना शुरू की थी। एसकेओसीएच (SKOCH) के अनुसार, इस योजना से अब तक 5.5 करोड़ नौकरियों का सृजन हुआ है। औद्योगिक विकास वाले राज्यों को योजना का सबसे अधिक फायदा मिला है।
महिलाएं लेकर जाएगी अधिक सैलरी
वित्त मंत्री ने महिलाकर्मियों को भी खुश करने के लिए कुछ उपाय किए। सरकार सभी क्षेत्रों में आनेवाले वर्ष में 12 फीसदी ईपीएफ में निवेश करेगी।महिलाकर्मियों की ईपीएफ 12 फीसदी से घटाकर 8 फीसदी कर दिया गया है। इससे महिलाएं अधिक सैलरी घर लेकर जा सकेंगी।
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