श्रीगंगानगर। जिला कलक्टर श्री ज्ञानाराम ने कहा कि राजकीय शिक्षण संस्थाओं में लगातार सुधार के प्रयास होते रहने चाहिए। इसके लिये शिक्षा विभाग के अधिकारी से लेकर प्रधानाध्यापक तक को जिम्मेदारी लेनी चाहिए। जनप्रतिनिधियों तथ आमजन का सहयोग लिया जाकर संस्थाओं में गुणात्मक सुधार किया जा सकता है।
जिला कलक्टर कलेक्ट्रेट सभाहॉल में जिला स्कूल सलाहाकार समिति की बैठक में आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि राजकीय विधालयों में अध्ययनरत विधार्थियों की गुणात्मक शिक्षा के लिये विधालय में उपलब्ध मानवीय एवं भौतिक संसाधनों का समुचित उपयोग, शैक्षिक व सहशैक्षिक गतिविधियों का सुचारू संचालन तथा राजकीय विधालयों में भौतिक सुविधाओं का विकास अभिभावक तथा विधालय प्रबंधन समिति में किया जाये। विधालय के हित में पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी, ब्लॉक प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी, जिला स्तरीय शिक्षा अधिकारी द्वारा विधालयों का सत्त निरीक्षण एवं विधार्थियों के शैक्षिक स्तर का मूल्यांकन कर गुणात्मक सुधार किया जाये।
जिला कलक्टर ने कहा कि विधालयों के विकास के लिये बिजली, शौचालय, अध्ययनकक्ष, साफ-सफाई तथा पर्याप्त स्टॉफ के साथ-साथ अध्यापन में शिक्षकों की रूचि भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विधालय का परिणाम तथा बच्चों के बौद्धिक विकास बढ़ने से आमजन स्वतः ही विधालयों से जुड़ेगें। उन्होंने कहा जो शिक्षक अच्छा अध्यापन का कार्य कर रहे है, उन्हें पुरस्कृत किया जाये तथा जो श्क्षिण कार्यों में लापरवाही बरतते है, उनके विरूद्ध विभागीय कार्यवाही की जाये।
जिला कलक्टर ने कहा कि जिले के समस्त विधालयों का एक एक्शन प्लान तैयार किया जाये। किन-किन विधालयों में अध्ययनकक्ष, चारदीवारी, शौचालय, प्रयोगशाला, कम्प्यूटर कक्ष इत्यादि जिन संसाधनों की आवश्यकता है, का प्लान तैयार किया जाये तथा अधिक जरूरत वाले कार्य को प्राथमिकता से लिया जाये।
बैठक में रायसिंहनगर प्रधान श्रीमती इंदु सारस्वत, जिला शिक्षा अधिकारी, रमसा, सर्वशिक्षा अभियान के अधिकारी के अलावा शिक्षा विभाग के जिले में कार्यरत बीईओ तथा एबीईओ ने भाग लिया।
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