झुंझुनू : जिला कलक्टर दिनेश कुमार यादव ने खेतड़ी पंचायत समिति के गांव मेहाड़ा गुर्जरवास के शहीद कमलेश सिंह की शहादत पर गहरी संवेदना व्यक्त की और शोक संतप्त परिवार को यह वज्रपात सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
शहीद कमलेश को जयपुर से आए आर्मी की टुकड़ी 16 गढ़वाल यूनिट एवं पुलिस की टुकड़ी ने राइफलें झुका कर एवं बिगुल बजाकर गार्ड आॅफ आॅनर दिया। इस दौरान जिला पुलिस अधीक्षक मनीष अग्रवाल, खेतड़ी उपखण्ड़ अधिकारी संजय बासू,सहित अनेक लोगों ने शहीद को पुष्प चक्र अर्पित कर नम आंखों से विदाई दी।
उल्लेखनीय हैं कि मेहाड़ा गुर्जरवास के शहीद कमलेश सिंह के अलावा दो भाई और भी भारतीय सेना में तैनात हैं। जिनमें रामेश्वरलाल, प्रकाश चन्द भारतीय सेना में कार्यरत हैं। यहां का हर व्यक्ति देश सेवा के लिये तत्पर है। यहां के हर नुमाइंदे में देशभक्ति कूट-कूटकर भरी है।
शहीद हवलदार कमलेश सिंह के साथ आए नायब सुबेदार धर्मपाल ने यह जानकारी देते हुए बताया शहीद कमलेश सिंह जम्मू कशमीर के कूपवाड़ा जिले के माछिल क्षेत्रा में 21 राजपूत रेजीमेंट सेक्टर में सेना की चैकी पर तैनात थे। उन्होंने बताया कि शुक्रवार शाम करीब साढ़े चार बजे सोना पांडी गली इलाके में अचानक हिमस्खलन हुआ जिससे रेजीमेंट की चैकी बर्फ में दब गई। चैकी पर तैनात चार जवानों में से तीन शहीद हो गए, जिसमें शहीद हवलदार कमलेश सिंह भी शहीद हो गए। उन्होंने बताया कि वे अपने यूनिट के सीनियर हवलदार होने के साथ जांबाज भी थे। शहीद हवलदार कमलेश सिंह को आज रविवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ खेतड़ी पंचायत समिति के मेहाड़ा गुर्जरवास में अन्तिम संस्कार किया गया।
शहीद कमलेश सिंह के पिता सांवतराम व उनकी पत्नी बादामी देवी के तीन बेटे हैं। तीनों ही सेना में सेवा दे रहे हैं। जिनमें बड़ा बेटा शहीद कमलेश था। शहीद कमलेश के 20 वर्षीय बड़े बेटे राहुल व 13 वर्षीय रविकांन्त हैं। दोनों बेटों ने भारत माता की जयकारे लगाकर अपने पिता को नम आंखों से मुखाग्निी दी। शहीद कमलेश के परिवार में ताउ के पौते मनीराम व माडूराम फौज में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। शहीद कमलेश के रिस्तेदार सांवन्राम गुर्जर ने बताया कि इस गांव के हर नए वर्ग के युवा फौज में जाने के लिए हर वक्त तत्पर रहते हैं।
गांव के लोगों ने शहीद कमलेश की शहादत पर नारे लगाए कि ‘‘‘जब तक सुरज चांद रहेगा कमलेश तेरा नाम रहेगा‘‘‘। पूरे गांव के लोगों ने शहीद कमलेश सिंह की शहादत पर कहा कि हमे गर्व हैं। शहीद के अन्तिम संस्कार में पूरा गांव शामिल था। गांव वासियों ने शहीद को मुखाग्नी दी। शहीद की अंन्तयष्टि में हजारों की संख्या में गांववासी उपस्थित थे।
शहीद कमलेश अपने पीछे परिवार में धर्मपत्नी सुमीत्रा, बड़ी लड़की ममता एवं दो लड़के राहुल,रविकांन्त छोड़ गये हैं। इस दौरान पूर्व मंत्राी जितेन्द्र सिंह, खेतड़ी विधायक पूर्णमल सैनी, एसडीएम संजय बासू, तहसीलदार बंशीधर, कार्यवाहक जिला सैनिक कल्याण अधिकारी एम.एम. राठौड़, खेतड़ी डीएसपी वीरेन्द्र कुमार सहित गांववासियांे शहीद की अंन्त्येष्टि में उपस्थित थे।
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