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भारत में 10,000 लोगों के लिए सिर्फ चार बसें, 30 लाख बसों की जरूरत


नई दिल्ली(जी.एन.एस) सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में करीब 19 लाख बसें हैं। जिनमें से सिर्फ 2.8 लाख ही चालू हालत में हैं जो राज्य परिवहन उपक्रम या कैरिज परमिट द्वारा संचालित की जा रही हैं। इन आंकड़ों से पता चलता है कि देश के परिवहन संचालन में जितनी बसों की जरूरत है उसके दसवें हिस्से के बराबर भी उपलब्ध नहीं है। केंद्रीय परिवहन सचिव वायएस मलिक ने कहा, हमें आम यात्रियों की जरूरत पूरी करने के लिए 30 लाख बसों की जरूरत हैं। इसके लिए कई परिवहन संस्थाओं की सुविधाओं का भी वैकल्पिक तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है लेकिन इसके बाद भी जरूरत और उपलब्धता में बहुत बड़ा अंतर है।


पब्लिक ट्रांसपोर्ट विशेषज्ञों का कहना है कि सुविधाओं की गिरती गुणवत्ता और बसों की कमी के कारण लोग अपने निजी वाहनों को चुनते हैं। और ऐसा ग्रामीण और शहरी दोनों ही इलाकों में देखने को मिलता है। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा चीन के पास 1,000 लोगों के लिए छह बसें हैं। वहीं भारत में 10,000 लोगों पर सिर्फ चार बसें हैं। गडकरी ने कहा कि भारत में 90 प्रतिशत लोगों के पास निजी वाहन नहीं है। वे लोग लोक परिवहन पर ही निर्भर करते हैं। तो इसका जवाब सिर्फ लोक परिवहन ही हो सकता है।


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