प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने प्रदेश के मुख्यमन्त्री रमन सिंह के दिए गए बयान, मोदी सरकार की योजनाओं से गांव – गरीब किसानों के जीवन मे खुशियां आयी है,पर तीखा पलटवार करते हुए कहा कि, पिछले 14 वर्षों में भारतीय जनता पार्टी कि सरकार मुखिया डॉ रमन सिंह प्रदेश के किसानों को सबसे अधिक आर्थिक बदहाली के लिए मजबूर किया है।
किसानों और कृषि में सुधार को लेकर अनेको बड़े बड़े वादे किए गए 2100 रू. समर्थन मूल्य 300 रू. प्रति क्विंटल बोनस एक-एक दाना धान खरीदी प्रमुख घोषणाएं रही है। इस सरकार ने किसानों की जमीन छीनकर बड़े उद्योग लगाने से रोजगार प्राप्त होने का प्रलोभन देकर उनकी जमीन छीन ली, मगर सारे वायदे भाजपा के खोखले साबित हुए, किसानो को लागत मूल्य नही मिल पाने के चलते कर्ज का दबाव बढ़ता गया और पिछले 15 महीनों में 1235 किसानों ने आत्महत्त्या किया है और रमन सिंह कहते है खुशहाली आयी है।
रमन सरकार की कार गुजारियां का खुलासा सीएजी की वार्षिक रिपोर्ट में मजदूरों को 5600 करोड़ के प्रावधान में से 465 करोड़ मजदूरों के हित में रमन सरकार खर्च ही नहीं कर पायी और मजदूर हितेषी होने का दावा करती है। अंधी गूंगी बहेरी सरकार को जगाने प्रजातांत्रिक अधिकारों का उपयोग करते हुए किसानों का जनआंदोलन मुख्यमंत्री रमन सिंह के निर्वाचन क्षेत्र राजनांदगांव, नया रायपुर से न्यायधानी बिलासपुर, अब बस्तर तक जा पहुंचा है।
बस्तर के सैकड़ों किसान 10 सितंबर जगदलपुर से 300 किलोमीटर पदयात्रा कर, अपनी समस्याओं की पीड़ा व्यक्त करने 18 सितंबर को राजधानी रायपुर आ रहे है। एक नया जुमला 2025 में किसानों की आय दोगुनी करने का झूठा वादा कर एक बार किसानों के वोट पाने का भाजपा कुठिंत प्रयास कर रही है जो इस बार संभव नहीं है।
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