नई दिल्ली(जी.एन.एस) पेट्रोल-डीजल के दाम में लगातार बढ़ोतरी पर नरेंद्र मोदी सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस के ‘भारत बंद’ को विपक्ष की कुल 18 छोटी-बड़ी पार्टियों का समर्थन मिला है। तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि वह पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी जैसे मुद्दों को उठाती रहेगी, लेकिन विपक्षी पार्टियों ने 10 सितंबर के भारत बंद को अपना समर्थन देने से इनकार कर दिया। पार्टी महासचिव पार्था चटर्जी ने कहा कि इसके बजाय तृणमूल कांग्रेस उस दिन पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस जैसी आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों और रुपये के गिरते मूल्य के विरोध में समूचे राज्य में प्रदर्शन करेगी।
चटर्जी ने कहा, ‘हमलोग हड़ताल का विरोध नहीं कर रहे हैं और न ही हम इसमें हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि तृणमूल नहीं चाहती कि इससे जनजीवन प्रभावित हो। ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक (एआईएफबी) ने भी विपक्षी पार्टियों के बंद से दूर रहने का फैसला किया है। उसने आरोप लगाया है कि प्रमुख सहयोगी दल माकपा के केन्द्रीय नेतृत्व ने बंद का समर्थन करने पर फैसला लेने से पहले उसके साथ विचार-विमर्श नहीं किया। कांग्रेस पार्टी सूत्रों का कहना है कि ‘भारत बंद’ के लिए समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, जनता दल एस, राष्ट्रीय लोक दल, झारखंड मुक्ति मोर्चा और कई अन्य दल समर्थन कर रहे हैं।
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) के अध्यक्ष एम.के.स्टालिन ने कहा कि उनकी पार्टी तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के विरोध में 10 सितंबर को कांग्रेस के ‘भारत बंद’ में शामिल होगा। जारी बयान में स्टालिन ने कहा कि जब भी वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें गिरी हैं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने कच्चे तेल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाने को आतुर रही है।
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