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राष्ट्रिय प्रतिष्ठा वाले एक सफल वैज्ञानिक के साथ आखिर ऐसा क्यों हुवा?


एस. नम्बी नारायण कोई सामान्य व्यक्ति नहीं किन्तु एक ऐसे वैज्ञानिक है जो भारत की अन्तरिक्ष संस्थान इसरो के साथ जुड़े थे। वे रोकेट को आकाश में धकेलनेवाले क्रायोजेनिक इंजिन बनाने में जुटे थे। २४-२५ साल पहले तब भारत को इस प्रकार के इंजिन के लिए अमरीका या रूस पर निर्भर रहना पड़ता था तब इस वैज्ञानिकने जटिल इंजिन बनाकर भारत को आत्म निर्भर बनाने का बिडा उठाया था। कहा जाता है की वे बस स्वदेशी इंजिन बनाने के अंतिम छोर तक पहुंचे ही थे की कोई जासूस काण्ड में उनको फसा दिया गया।

इन सब बातो का खुलासा तब हुवा की जब मामला सुप्रीमकोर्ट में पहुंचा। सुप्रीमकोर्ट ने भी माना की ऐसे महान और सफल वैज्ञानिक के साथ गलत हुवा। कोर्टने उन्हें 50 लाख का मुआवजा देने का आदेश दिया और एक सुप्रीमकोर्ट के पूर्व जज डी.के.जैन की अगुवाई में कमेटी बनाकर कथित इसरो जासूस काण्ड की जांच के आदेश भी दिए। ए. नाम्बी ने इसका स्वागत किया और कहा की वे शुरू से ही कहते आ रहे थे की उन्हें गलत तरीके से इसमें फसाया गया है। लेकिन केरल सरकार और उस वक्त की केंद्र की सरकारो से न्याय नहीं मिला तब उन्होंने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और अब कमेटी द्वारा जांच होने पर देश दुनिया को पत्ता चलेंगा की आखिर वे कौन थे जो अमूल्य स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजिन बनानेवाले ही थे और किसी साजिश का शिकार हो गये।
इस रोचक कथित जासूसी काण्ड में पुलिस ने मालदीव्स देश की एक महिला को भी पकडी थी। उस महिला ने कोर्ट से वैज्ञानिक को न्याय मिलने के बाद उसने भी कोर्ट जाने का फैंसला किया। इस महिला का भी कहना है की एस। नाम्बी की तरह उसे भी इसमें फसाया गया है। कोर्ट ने जस्टिस जैन की कमेटी को कहा है की षड्यंत्र रचनेमे पुलिस अधिकारियों की भूमिका जांचे और दोषित का पत्ता लगाकर उसे दंडित करे। ताकि किसी निर्दोष को ऐसी यातनाये बरसो तक झेलना न पड़े। कोर्ट ने माना की इस बात में जरा भी संदेह नहीं की अपीलकर्ता एस. नाम्बी एक सफल वैज्ञानिक है। और उन्हें घोर अपमान झेलना पड़ा। आखिर क्यों ऐसा हुवा इस इसरो के जानेमाने वैज्ञानिक के साथ?

भारत के एक जानेमाने परमाणु वैग्यानिक भाभा की मौत विमान अकस्मात में हुई थी। जिसकी जांच पड़ताल की गई थी लेकिन तथ्य सामने नहीं आता। बड़े देश नहीं चाहते की भारत और अन्य देश अन्तरिक्ष शोध में आगे निकले। हो सकता है की एस. नाम्बी भी ऐसे ही किसी बड़े देश द्वारा रची गई साजिश का शिकार हो गये हो ताकि वे इस प्रकार का इंजिन बनाने में सफल न हो जिस पर भारत को उनके ऊपर निर्भर रहना पड़ता है। सच्चाई कब तक छिपी रह सकती है। जस्टिस जैन की कमेटी जांच कर इसका पत्ता लगाने के बाद इसकी रिपोर्ट सार्वजनिक हो तो देश को भी मालूमात हो की कौन से देश ने ऐसी साजिश रची थी? केरल सरकार को चाहिए की वे एस. नाम्बी से माफ़ी मांग उन्हें सन्मानित करे। एस. नाम्बी जैसे अन्तरिक्ष विज्ञान से जुड़े लोग हमारे धरोहर समान है।

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