नई दिल्ली(जी.एन.एस) नकदी संकट से जूझ रहे चीनी क्षेत्र के लिए बुधवार को होने वाली केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 4,500 करोड़ रुपए के पैकेज पर विचार किया जा सकता है। इस पैकेज में अक्तूबर से शुरू हो रहे अगले विपणन सत्र के लिए गन्ना उत्पादकों को उत्पादन मदद दोगुनी करने तथा 50 लाख टन तक चीनी निर्यात पर परिवहन सहायता देना शामिल हो सकता है।
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कई राज्यों में आसन्न विधानसभा चुनावों तथा अगले साल आम चुनाव से पहले सरकार चीनी उद्योग के लिए दूसरा पैकेज लाने पर विचार कर रही है। इस महीने समाप्त हो रहे मौजूदा विपणन वर्ष में रिकॉर्ड 320 लाख टन उत्पादन होने से चीनी क्षेत्र के समक्ष अत्यधिक भंडार का संकट उत्पन्न हो गया है। इससे पहले जून में चीनी उद्योग के लिये 8,500 करोड़ रुपए की वित्तीय मदद की घोषणा की गई थी। सूत्रों ने कहा, प्रस्तावित नीति के तहत मंत्रालय ने चीनी मिलों के लिए उत्पादन सहायता बढ़ाने का प्रस्ताव किया है। चीनी वर्ष 2018-19 के लिए गन्ना किसानों को 13.88 रुपए प्रति क्विंटल की उत्पादन सहायता दी जाएगी। वर्तमान में यह सहायता 5.50 रुपए क्विंटल है। इसका लाभ चीनी मिलों को मिलेगा।
सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय ने बंदरगाहों से 100 किलोमीटर के दायरे में स्थित चीनी मिलों के लिए एक हजार रुपए प्रति टन, तटीय राज्यों में बंदरगाहों से 100 किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित मिलों के लिए 2,500 रुपए प्रति टन तथा अन्य राज्यों में स्थित मिलों के लिए 3,000 रुपए प्रति टन परिवहन सहायता देने का प्रस्ताव किया है। सूत्रों ने कहा कि चीनी मिलों तथा गन्ना किसानों की मदद के लिए सरकार को करीब 4,500 करोड़ रुपए का वहन करना होगा। इन कदमों से मिलों को चीनी निर्यात बढ़ाने तथा किसानों का 13,567 करोड़ रुपए का बकाया भुगतान करने में मदद मिलेगी।
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