- चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूची तैयार होने के दिन 22 नवम्बर 2018 को सांय 5 बजे के पश्चात किसी समय चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों की बैठक जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा बुलाई जायेगी।
- चुनाव के दौरान सम्पति विरूपण अधिनियम की पालना जरूरी
श्रीगंगानगर। जिला कलक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी ज्ञानाराम ने बताया कि विधानसभा आम चुनाव 2018 के दौरान सम्पति का विरूपण अधिनियम की पालना करनी जरूरी है। विधानसभा आम चुनाव के लिये चुनाव प्रचार अभियान के दौरान राजनैतिक दलों, अभ्यर्थियों, व्यक्तियों एवं संगठनों द्वारा विभिन्न सार्वजनिक, निजी स्थलों, मैदानों, वाहनों आदि पर प्रचार सामग्री प्रदर्शित करने के साथ सम्पति विरूपण अधिनियम की पालना करनी होगी। उन्होंने बताया कि राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 के अंतर्गत नगरपालिका संस्थाओं के द्वारा निर्दिष्ट स्थानों पर विज्ञापन प्रदर्शन किये जाने के संबंध में राज्य सरकार के अनुमोदन के बाद राजपत्रा में प्रकाशित करते हुए उपविधियां बनाई जा सकती है। उपविधियों के अनुसार इलेक्ट्रोनिक डिस्पले, यूनिपोल पर विज्ञापन, फूट ओवरब्रिज विज्ञापन, गेन्ट्री विज्ञापन आदि प्रकार के विज्ञापन एक चिन्हित प्रक्रिया के तहत निर्दिष्ट स्थानों पर प्रदर्शित किये जाने की अनुमति देने का प्रावधान किया हुआ है। चिन्हित स्थानों पर विज्ञापन प्रदर्शित करना सौन्दर्य का ह्यस करना नही माना जा सकता। निजी सम्पति के मालिक या अधिभोगी की लिखित स्वीकृति से अस्थाई रूप से बैनर या झण्डे लगाये जा सकते है। शहरी क्षेत्रा में निजी सम्पति पर सहमति से झण्डे लगाये जा सकते है।
सार्वजनिक स्थानों पर लगे ऐसे चिन्हित विज्ञापन स्थलों पर कोई विशिष्ट राजनैतिक दल या कोई अभ्यर्थी एकाधिकार न कर सकें, इसके लिये सभी को समान अवसर प्राप्त हो। इसके लिये भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार समान अवसर दिये जायेगें। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार राजकीय सम्पति सार्वजनिक स्थलों एवं निजी सम्पतियों पर राजनैतिक विज्ञापन लगाये जाने के संबंध में आयोग के प्रतिबंधात्मक निर्देश है। सार्वजनिक स्थलों पर 48 घंटे में और निजी सम्पति पर अवैध रूप से लगे होर्डिग्स को 72 घंटे में हटाने के निर्देश दिये गये थे। इन्ही निर्देशों के अनुरूप संबंधित रिटर्निंग अधिकारी द्वारा कार्यवाही की जा रही है।
सभी राजनैतिक दलों व अभ्यर्थियों को विज्ञापन स्थलों का उपयोग करने का समान अवसर प्राप्त होना चाहिए, इसके लिये समुचित कार्यवाही जिला निर्वाचन अधिकारी के परिवेक्षण में की जायेगी। चिन्हित विज्ञापन स्थलों को उपयोग करने के अवसर उपलब्ध करवाने और आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों के विपरीत विज्ञापन सामग्री के प्रदर्शन को नियंत्रित करने के प्रयोजन से अन्य विज्ञापन स्थल अनुबंधित फर्म या नगरपालिका संस्था द्वारा चिन्हित नही किया जायेगा और न ही दरों में परिवर्तन किया जायेगा।
जिला कलक्टर ने बताया कि नामांकन की कार्यवाही 12 नवम्बर से प्रारम्भ होगी। इससे पूर्व कोई राजनैतिक दल या संस्था संगठन चुनाव संबंधी विज्ञापनों के लिये चिन्हित किसी विज्ञापन स्थल पर अपना विज्ञापन प्रदर्शित करना चाहे तो उसकी अनुमति जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा गठित समिति की अनुसंशा के आधार पर नाम वापसी की तिथि 22 नवम्बर तक की स्वीकृति दी जा सकती है।
चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूची तैयार होने के दिन 22 नवम्बर 2018 को सांय 5 बजे के पश्चात किसी समय चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों की बैठक जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा बुलाई जायेगी। जिसमें स्थान उपलब्ध करवाने व आदर्श आचार संहिता पर चर्चा होगी। यदि किसी विशेष विज्ञापन स्थल के लिये एक से अधिक आवेदन पत्र है तो लॉटरी के जरिये आवंटन किया जायेगा। आवेदन पत्रों के आधार पर अनुपातित मात्रा में विज्ञापन स्थल का आवंटन होगा। आवंटन के बाद शेष स्थल पहले आओ पहले पाओ के आधार पर दिया जायेगा। सभी आवंटित स्थानों पर प्रदर्शित पोस्टर, पेम्पलेट पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की पालना करनी होगी। अगर पालना नही हुई तो संबंधित विज्ञापन को हटा दिया जायेगा।
ग्रामीण क्षेत्र में विज्ञापनों का प्रदर्शन
आयोग के निर्देशानुसार ग्रामीण क्षेत्रा में भी राजनैतिक विज्ञापनों को प्रदर्शित करने के अवसर हेतु स्थल चिन्हित करने और सभी को समान आधार पर आवंटित करने से संबंधित आदेश है। ग्रामीण क्षेत्र में भी निजी सम्पति पर भी झण्डे, बैनर लगाने के अनुसार लिखित सहमति के साथ ब्यौरा निर्धारित प्रपत्रा में रिटर्निंग अधिकारी को तीन दिन के अंदर संबंधित अभ्यर्थी द्वारा प्रस्तुत किया जायेगा।
वाहनों पर प्रचार सामग्री,उम्मीदवार की अनुमति के बिना नही लगा सकेगें।चुनाव प्रचार अभियान के दौरान वाहनों पर लगाये जाने वाले स्टीकर, झण्डे, बैनर के संबंध में मोटरयान अधिनियम के अधीन की पालना करनी होगी। वाहन पर लगाये गये झण्डा बैनर से किसी राहगीर को असुविधा या आपत्ति नही है। लेकिन यदि कोई व्यक्ति अभ्यर्थी की अनुमति लिये बिना अपने वाहन पर झण्डे, स्टीकर इस प्रकार से लगाता है, जिससे किसी अभ्यर्थी विशेष के पक्ष में मतयाचना का उददे्श्य स्पष्ट होता है तो ऐसे व्यक्ति के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 171 के अंतर्गत कानूनी कार्यवाही की जायेगी।
अभ्यर्थी द्वारा प्रचार के प्रयोजन से लिये गये व्यक्तिगत वाहन को प्रचार वाहन माना जायेगा तथा बाजार दर से इंधन पर अनुमानित व्यय, चालक का वेतन चुनाव खर्च में शामिल किया जायेगा। वाणिज्यिक वाहनों पर झण्डे या स्टीकर लगाने पर उसे प्रचार के उपयोग में लाना माना जायेगा। वाणिज्यिक वाहनों पर झण्डे स्टीकर लगाये जाने की अनुमति नही होगी, जब तक उस वाहन का चुनाव प्रचार अभियान में अपेक्षित अनुमति नही ली जाती। ऐसे वाहनों पर अनुमति पत्र विण्ड स्क्रीन पर प्रदर्शित करनी होगी।जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि अनुमति वाले वाहनों पर लाउडस्पीकर लगाने से पूर्व अनुमति लेनी होगी। प्रचार के दौरान लाउडस्पीकर रात 10 बजे से प्रातः 6 बजे के मध्य उपयोग निषेध रहेगा। रैलियां, जुलुसों, सभाओं के दौरान झण्डों, बैनरों, कटआउट्स, स्थानीय विधि और प्रतिबंधात्मक आदेशों के अध्याधीन लगाये जा सकते है। जुलुसों में राजनैतिक दलों द्वारा उपलब्ध करवाई जाने वाली टोपी, मास्क, स्कॉर्फ आदि का उपयोग किये जाने की अनुमति है, लेकिन राजनैतिक दलों या अभ्यर्थी द्वारा साड़ी, कमीज आदि परिधान वितरित नही किये जा सकते। सरकारी, स्थानीय निकाय, उपक्रम, सहकारी संस्थाओं के मीटिंग स्थलों, ऑडिटोरियम, हॉलस आदि का उपयोग पूर्व में जारी दिशा निर्देशों से प्रतिबंधित नही है तो समानता के आधार पर किया जा सकता है। किसी दल या अभ्यर्थी का एकाधिकार नही होगा। स्कूलों व शैक्षणिक संस्थाओं के मैदानों का चुनाव प्रचार के लिये मिटिंगों में उपयोग शर्तां के आधार पर किया जा सकता है। शिक्षण संस्था में किसी भी स्थिति में शैक्षणिक कार्य पर विपरीत प्रभाव न पडे़। प्रबंधन को कोई आपत्ति न हो तथा संबंधित आरओ से स्वीकृति प्राप्त कर ली हो। अगर मैदान को क्षति होती है, तो संबंधित से भरपाई करवाई जायेगी तथा शर्तां का उल्लंघन किसी स्थिति में नही होने दिया जायेगा।
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